उत्तर प्रदेशराज्य

कल हुए रिटायर, आज बन गए अध्यक्ष; कौन हैं रिटायर्ड IPS एसएन साबत? जिन्हें मिली UPSSSC की कमान

उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) के नए अध्यक्ष के तौर पर रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी एसएन साबत की नियुक्ति की गई है. यह पद नियुक्तियों में पारदर्शिता और भर्तियों को बेहतर तरीके से संचालित करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी एसएन साबत के पास प्रशासनिक अनुभव का लंबा रिकॉर्ड है, जिसे ध्यान में रखते हुए उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई है.

यूपीएसएसएससी क्या है?  

यूपीएसएसएससी (उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग) उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरियों के लिए परीक्षाओं और चयन प्रक्रिया का संचालन करता है. इसकी स्थापना नवंबर 1988 में हुई थी, और वर्तमान आयोग 2014 में अधिनियमित किया गया था. आयोग ग्रुप सी और ग्रुप डी पदों के लिए प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा आयोजित करता है. प्रारंभिक पात्रता परीक्षा (PET) के जरिए उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया जाता है.

भर्तियों में गड़बड़ियों का मामला

हाल ही में यूपीएसएसएससी की भर्तियों में अनियमितताओं के कई मामले सामने आए हैं. इसमें परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक और सिफारिशों के जरिए चयन जैसी समस्याएं शामिल हैं. ऐसे मामलों ने आयोग की साख पर सवाल खड़े किए हैं. कुछ भर्तियों में भ्रष्टाचार की शिकायतों के बाद सरकार ने जांच के आदेश दिए थे, जिससे कई अधिकारियों पर कार्रवाई की गई.

कौन हैं एसएन साबत

एस एन साबत 1990 बैच के यूपी कैडर के तेजतर्रार पुलिस अफसर थे. जो पिछले साल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में ही सूबे के जेल महानिदेशक/ महानिरीक्षक की कमान संभाल चुके हैं. एसएन साबत पदार्थ विज्ञान (मटेरियल साइंस) और ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट से यानी दो विषयों से स्नातकोत्तर हैं. एसएन साबत ने अपना पुलिस करियर एएसपी के रूप में वाराणसी जिले से शुरु किया था. वे अलीगढ़ और अयोध्या के एएसपी रहे. इसके बाद जालौन, मिर्जापुर और वाराणसी में पुलिस अधीक्षक और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के पद पर भी तैनात रहे. फिर उन्हें मिर्जापुर, कानपुर और बनारस के पुलिस उप-महानिरीक्षक पद पर कार्य करने का भी मौका मिला. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और रेलवे में वे पुलिस महानिरीक्षक पद पर तैनात रह चुके हैं.

एसएन साबत से उम्मीदें 

एसएन साबत की नियुक्ति के पीछे सरकार का उद्देश्य भर्तियों में पारदर्शिता और निष्पक्षता लाना है. वे इससे पहले कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं और उनकी पहचान एक ईमानदार और सख्त प्रशासक की रही है. उम्मीद है कि उनके नेतृत्व में यूपीएसएसएससी में सुधार होगा और उम्मीदवारों को निष्पक्ष माहौल मिलेगा.

पारदर्शिता के लिए उठाए जाएंगे कदम  

भविष्य में यूपीएसएसएससी की भर्तियों को पारदर्शी और समयबद्ध बनाने के लिए तकनीकी उपायों को और मजबूत किया जाएगा. डिजिटल प्रक्रियाओं और सख्त निगरानी से अनियमितताओं को रोका जाएगा. नई नियुक्ति से आयोग की कार्यप्रणाली में भी सुधार की उम्मीद है.

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