
अगर आप भी नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अपना घर या जमीन खरीदने की सोचा रहे तो मार्च खत्म होने से पहले ही यह सपना पूरा कर लीजिए. 1 अप्रैल से गौतमबुद्ध नगर जिले में नया सर्कल रेट लागू होने वाला है. इसके बाद जमीन और मकानों की कीमतों में बढ़ोतरी होना तय है. लिहाजा जिले में प्रॉपर्टी खरीदने की तैयारी में हैं तो आपको थोड़ा जल्दी करना चाहिए, ताकि अप्रैल से होने वाली बढ़ोतरी से बचा जा सके.
अधिकारियों ने बताया कि गौतम बुद्ध नगर प्रशासन 1 अप्रैल से सर्कल रेट बढ़ाने की तैयारी है, जिसने घर खरीदने वालों की चिंता बढ़ा दी है. सर्कल रेट वह दर होती है जिस पर संपत्ति खरीदने वाला सरकार को स्टांप शुल्क अदा करता है. नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरणों ने सभी प्रकार की संपत्तियों के लिए आवंटन दरें बढ़ा दी हैं. इन प्राधिकरणों द्वारा संपत्ति बेचने की दरें बढ़ाने के बाद, उत्तर प्रदेश स्टांप और पंजीकरण विभाग जिले में सभी श्रेणियों, विशेष रूप से आवासीय और कृषि भूमि के लिए दरें बढ़ाने पर विचार कर रहा है.
पहले घर खरीदने वाले चिंतित
सर्कल बढ़ाने की बात से सालों पहले घर खरीदने वाले भी चिंतित हैं. इन मकान खरीदारों को कई साल से अपने पजेशन का इंतजार है और अब जबकि सर्कल रेट भी बढ़ जाएगा तो उन्हें इस पर ज्यादा पैसा चुकाना होगा. जेआईएल रियल एस्टेट अलॉटीज वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष आशीष मोहन गुप्ता का कहना है कि घर खरीदार पिछले 12 साल से अपने घरों का इंतजार कर रहे हैं. सर्कल रेट में हर बदलाव हमारे स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन पर खर्च को बढ़ा देता है, जिससे हमारा वित्तीय बोझ बढ़ जाता है. सरकार को एक नीति बनानी चाहिए कि जिस साल में संपत्ति खरीदी गई थी, उस समय का ही सर्कल रेट लागू होना चाहिए.
क्यों बढ़ा रहे सर्कल रेट
अधिकारियों कहा कहना है कि इस कदम का उद्देश्य सर्कल रेट को बाजार दर के बराबर बढ़ाना है, क्योंकि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र में संपत्ति की कीमतों में काफी उछाल आ चुका है. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के प्रभाव के कारण रियल एस्टेट की कीमतें आसमान छू गई हैं.
कितना बढ़ेगा सर्कल रेट
सूत्रों का कहना है कि गौतम बुद्ध नगर जिले में सर्कल रेट 30 से 70% तक बढ़ सकते हैं. नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आवासीय सर्कल रेट में 30% तक की वृद्धि हो सकती है, जबकि जेवर क्षेत्र में कृषि भूमि के सर्कल रेट 70% तक बढ़ाए जा सकते हैं. डीएम का कहना है कि इसे अंतिम रूप देने से पहले आम जनता से प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए सार्वजनिक डोमेन में डाला जाएगा. हम जनता को अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए 15 दिन का समय देंगे और फिर अंतिम निर्णय लेंगे.
मकान खरीदारों की अलग डिमांड
नोएडा के प्रोजेक्ट में मकान खरीदने वाले ग्राहक का कहना है कि अगर संशोधित दरें मंजूर हो जाती हैं, तो संपत्ति खरीदने वालों को अधिक स्टांप शुल्क का सामना करना पड़ेगा, जिससे कुल लेन-देन की लागत बढ़ जाएगी. लिहाजा प्रशासन को उन खरीदारों को पुरानी दरों पर स्टांप शुल्क का भुगतान करने की अनुमति देनी चाहिए, जिन्होंने डेवलपर्स की गलती के कारण कब्जा नहीं पाया है या रजिस्ट्री में देरी हुई है.