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नोएडा में भूमाफिया गिरोह का भंडाफोड़, सरकारी जमीन बेचने की साजिश में 3 गिरफ्तार, 200 करोड़ लोन लेने की फिराक में थे आरोपी

ग्रेटर नोएडा के थाना बिसरख पुलिस ने जमीन के फर्जी कागजात तैयार कर 95 करोड़ रुपये में बेचने की साजिश रचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि अन्य फरार आरोपियों की तलाश जारी है.

सेंट्रल नोएडा के ADCP शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि इस गिरोह ने बिसरख इलाके के शाहबेरी गांव में खसरा नंबर 168 की 2.009 हेक्टेयर जमीन को फर्जी दस्तावेजों के जरिए बेचने की योजना बनाई थी. ये जमीन मुजाहिद हुसैन की थी जो गाजियाबाद के डासना नगर पंचायत के चेयरमैन हैं. आरोपियों ने नकली आधार कार्ड, पैन कार्ड, किसान बही, खसरा और खतौनी बनाकर फर्जी मुजाहिद हुसैन के नाम से जमीन की बिक्री की तैयारी कर ली थी.

‘आरोपी 2023 से रच रहे थे साजिश’

पुलिस के मुताबिक, ये साजिश 2023 से चल रही थी. लेकिन 28 फरवरी 2025 को असली जमीन मालिक को इस धोखाधड़ी की जानकारी मिली. उन्होंने बिसरख थाने में शिकायत दर्ज कराई. जांच में आरोप सही पाए गए, जिसके बाद पुलिस ने 4 मार्च 2025 को मामला दर्ज किया और जांच शुरू की.

‘तीन आरोपी गिरफ्तार’

पुलिस ने इस मामले में जांच के बाद तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार आरोपी राकेश कुमार हरियाणा का रहने वाला है, आरोपी 12वीं तक पढ़ा है और अपने साथी बलिंदर के साथ मिलकर जमीनों की खरीद-फरोख्त करता था. वह नकली कागजात बनाकर जमीन बेचता था.

वहीं, दूसरा आरोपी सिराजुद्दीन अनपढ़ है और तीन साल से इस गिरोह के साथ जुड़ा था. उसने खुद की फोटो लगाकर नकली आधार और पैन कार्ड बनवाया था, जबकि तीसरा आरोपी महेन्द्र कुमार 10वीं पास है और पटवारी नाम से जाना जाता है. उसने भी नकली दस्तावेज तैयार करने में मदद की थी.

आरोपियों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उनके साथ बलिंदर, जनक गुर्जर, जनेश्वर और रोहित भी इस फर्जीवाड़े में शामिल थे. ये सभी मिलकर जमीनों के फर्जी कागजात तैयार कर उन्हें ऊंचे दामों पर बेचने का काम करते थे. पुलिस फरार आरोपियों की तलाश कर रही है और गिरोह के अन्य सदस्यों की भूमिका की जांच की जा रही है.

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