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तालिबानी नेता ने मौत की सजा को बताया इस्लाम का हिस्सा, जानें और क्या कहा ?

अफगानिस्तान में हाल ही हत्या के चार दोषियों को तालिबान सरकार ने मौत की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उन्हें शुक्रवार को खेल स्टेडियम में फांसी दे दी गई. साल 2021 में तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद एक ही दिन में अब तक सबसे अधिक लोगों को फांसी देने का रिकॉर्ड है. तालिबान के इस फैसले के बाद विवाद शुरू हो गया है.

मानवाधिकार संगठनों और संयुक्त राष्ट्र ने इन फैसलों की कड़ी निंदा की है. जिसके बाद तालिबान इस फैसले का बचाव किया है. तालिबान नेता ने कहा कि फांसी इस्लाम का हिस्सा है. इससे पहले तालिबान के शीर्ष नेताओं में शामिल हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने कहा कि अफगानिस्तान में पश्चिमी देशों के कानूनों की कोई जरुरत नहीं है.

‘इस्लाम अल्लाह के आदेशों की एक व्यवस्था’

तालिबान के मुख्य प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने रविवार (13 अप्रैल) को सोशल मीडिया पर एक ऑडियो क्लिप मैसेज पोस्ट किया है. इसमें तालिबान नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा के कहते हुए सुना जा सकता है कि “हमें अनुशासनात्मक कदम उठाने चाहिए, नमाज अदा करनी चाहिए और इबादत के काम करने चाहिए. हमें पूरी तरह से इस्लाम में दाखिल हो जाना चाहिए. इस्लाम सिर्फ कुछ रस्मों तक सीमित नहीं है बल्कि यह अल्लाह के आदेशों की एक पूरी व्यवस्था है.

हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने कंधार प्रांत के दक्षिणी हिस्से में हज प्रशिक्षकों की एक सेमिनार को संबोधित किया. अपने 45 मिनट के भाषण में उन्होंने कहा कि इस्लाम का एक भी आदेश अधूरा नहीं छोड़ा जाना चाहिए. अखुंदजादा ने कहा, “अल्लाह ने लोगों को इबादत करने और उसकी सजाओं को लागू करने का हुक्म दिया है. उन्होंने आगे कहा कि तालिबान ने सत्ता हासिल करने या संपत्ति के लिए लड़ाई नहीं लड़ी बल्कि इस्लामी कानूनों को पूरी तरह से लागू करने जंग लड़ी है.”

तालिबान के सीनियर नेताओं में शामिल हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने फांसी की सजा की आलोचन को सिरे से खारिज कर दिया. इससे पहले अफगानिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने चारों को हत्या के लिए दोषी माना था. हालांकि, पीड़ितों के परिजनों के जरिये माफी देने से इंकार करने के बाद इन दोषियों को मौत की सजा सुनाई गई थी.

तालिबान और पश्चिमी देशों में बढ़ी नजदीकी 

हिबतुल्लाह अखुंदजादा का बयान ऐसे समय में आया है, जब तालिबान अंतरराष्ट्रीय समुदाय, खासकर पश्चिमी देशों के साथ बेहतर संबंध बनाने की पुरजोर कोशिश कर रहा है. तालिबान की बातचीत का असर भी दिखा, जब अमेरिका ने बीते माह तालिबान के तीन नेताओं के सिर घोषित इनाम को हटा दिया था, जिनमें वर्तमान में अफगानिस्तान के गृहमंत्री भी शामिल हैं.

तालिबान ने अमेरिका और पश्चिमी देशों से अपने रिश्तों को बेहतर करने के लिए कई कदम उठाए हैं. इसी क्रम में तालिबान ने अपनी हिरासत से चार अमेरिकी नागरिकों को रिहा कर दिया था. इन रिहाइयों को अमेरिका और अफगानिस्तान के बीच संबंधों के नार्मलाइजेशन के तौर पर पेश किया गया.

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