पति को मिले शहीद का दर्जा, पहलगाम हमले में मारे गए कानपुर के शुभम की पत्नी ने की मांग

पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए शुभम द्विवेदी की पत्नी आशान्या ने पति के लिए शहीद के दर्जे की मांग की है. एक एजेंसी के मुताबिक आशान्या ने कहा कि शुभम ने खुद को हिंदू बताकर गर्व से अपनी जान कुर्बान कर दी और कई लोगों की जान बचाई. आतंकियों द्वारा पहली गोली मेरे पति को मारी गई. आपको बता दें कि कानपुर के 31 वर्षीय व्यवसायी शुभम ने 12 फरवरी को आशान्या से शादी की थी. वह उन 28 लोगों में शामिल थे, जिन्हें आतंकियों ने 22 अप्रैल को पहलगाम के पास बैसरन घाटी में धर्म पूछकर गोली मार दी.
शुभम का गुरुवार को उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया गया. आशान्या ने कहा कि शुभम को शहीद का दर्जा दिया जाए और मैं सरकार से इसके अलावा और कुछ नहीं चाहती. अगर सरकार मेरी इच्छा स्वीकार करती है, तो मेरे पास जीने का एक कारण होगा.
धर्म पूछकर जो गोली चलाता है उसे खत्म कर देना चाहिए
आशान्या ने कहा कि जो कोई भी नाम और धर्म पूछकर गोली चलाता है, उसे खत्म कर देना चाहिए. 22 अप्रैल की घटना को याद करते हुए आशन्या ने कहा कि जब आतंकवादी उनके और शुभम के पास आए और उनसे उनके धर्म के बारे में पूछा, तो उन्हें लगा कि वे लोग दंपत्ति के साथ मजाक कर रहे हैं.
जैसे ही वे आए, उनमें से एक ने पूछा कि हम हिंदू हैं या मुसलमान? मुझे लगा कि वे लोग (आतंकवादी) मजाक कर रहे हैं. मैं पीछे मुड़ी, हंसी और उनसे पूछा कि क्या हो रहा है. फिर उन्होंने अपना सवाल दोहराया और जैसे ही मैंने जवाब दिया कि हम हिंदू हैं, गोली चल गई और मेरे लिए सब कुछ खत्म हो गया. शुभम का चेहरा खून से लथपथ था. मैं समझ नहीं पा रही थी कि आखिर ये क्या हो रहा है?
पिता ने सुरक्षा पर उठाया सवाल
आतंकियों से मैंने खुद को भी गोली मारने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए मना कर दिया कि वे उसे जीवित रहने दे रहे हैं ताकि वह जाकर सरकार को बता सके कि उन्होंने क्या किया है. वहीं, शुभम के पिता संजय द्विवेदी ने इलाके में सुरक्षाकर्मियों की अनुपस्थिति पर अफसोस जताया और दावा किया कि सेना के जवानों ने करीब एक घंटे बाद इलाके को नियंत्रण में लिया.