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वो ‘नेहा शर्मा’ नहीं पाक जासूस थी, सरकारी कर्मचारी ने हनी ट्रैप में फंसकर क्या-क्या किया? UP ATS ने उगलवाई सच्चाई

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (UP ATS) ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंट को संवेदनशील और गोपनीय डिटेल भेजने वाले आरोपी को धरदबोचा है। आरोपी की पहचान आगरा निवासी 45 वर्षीय रविंद्र कुमार के रूप में हुई है। आरोपी रविंद्र कुमार फिरोजबाद की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री हजरतपुर में चार्जमैन के पद पर तैनात था।

एटीएस की पूछताछ में सामने आया कि रविंद्र कुमार फेसबुक के जरिए दोस्त बनी नेहा शर्मा नाम की एक पाकिस्तानी एजेंट को संवेदनशील और गोपनीय सूचनाएं भेजता था। एटीएस को आरोपी के फोन से पाकिस्तानी एजेंट को भेजे गए संवेदनशील गोपनीय दस्तावेज मिले है। बता दें कि आरोपी प्यार मोहब्बत की बातें और पैसों की लालच में आकर पाकिस्तानी खुफिया एजेंट को महत्वपूर्ण दस्तावेज भेज रहा था।

पाकिस्तानी एजेंट हैंडलर नेहा शर्मा के संपर्क में था आरोपी

एटीएस की पूछताछ में सामने आया कि आरोपी रविन्द्र कुमार साल 2006 से ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में काम कर रहा है। साल 2009 से फिरोजाबाद की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री हजरतपुर में काम कर रहा है। मौजूदा समय में चार्जमैन के पद पर तैनात है। आरोपी नेहा शर्मा नाम की पाकिस्तानी एजेंट हैंडलर के संपर्क में आ गया था। रविंद्र की नेहा से जान-पहचान फेसबुक के जरिए साल 2024 के जून-जुलाई महीने में हुई थी। नेहा शर्मा पाकिस्तानी एजेंट हैंडलर है। जांच में सामने आया कि आरोपी रविंद्र कुमार नेहा शर्मा से अक्सर वॉट्सऐप चैटिंग, ऑडियो कॉल और वीडियो कॉल पर बात करता था। रविंद्र पाकिस्तानी एजेंट हैंडलर नेहा शर्मा से प्यार मोहब्बत की बातें करता था।

आरोपी के मोबाइल से 5 दस्तावेज बरामद

एटीएस की जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी रविंद्र कुमार पैसों के लालच में अपनी ऑर्डनेन्स फैक्ट्री की गोपनीय जानकारी पाकिस्तानी एजेंट हैंडलर नेहा शर्मा को भेज देता था। आरोपी अक्सर वॉट्सऐप चैट डिलीट कर देता था, लेकिन कुछ चैट और गोपनीय दस्तावेज फोन में रह गए थे। उसके मोबाइल फोन से 5 अदद गोपनीय दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। इसके साथ ही 3 एटीएम डेबिट कार्ड, पैन कार्ड, वोटर कार्ड, आधार कार्ड, मोबाइल और 6220 रुपये नकद भी बरामद हुए हैं। आरोपी रविंद्र कुमार के पास से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए हैं। आरोपी के पास से साल 2024 के ऑर्डिनेस फैक्ट्री हजरतपुर फिरोजाबाद की एक 2025 डेली प्रोडक्शन रिपोर्ट, जिसमें ड्रोन से संबंधित महत्त्वाकांक्षी गगनयान इसरो भारत सरकार के प्रोजेक्ट और अन्य गोपनीय जानकारी है, उससे जुड़ा दस्तावेज बरामद हुआ है।

कई महत्वपूर्ण दस्तावेज हुए बरामद

आरोपी रविंद्र कुमार के पास से एक आब्जर्वेशन इन रिसिप्ट ऑफ़ स्टोर्स से संबंधित दस्तावेज, एक एमएसीपी प्रोमोशन संबंधी स्क्रीनिंग कमेटी का कॉन्फिडेंशियल लेटर और अन्य दस्तावेज भी बरामद हुआ है। साथ ही एक गोपनीय मीटिंग की अनअप्रूव्ड नोटिंग फाइल, जिसमें ऑर्डिनेन्स फैक्ट्री के वरिष्ठ अधिकारियों और 51 गोरखा रायफल के अधिकारियों द्वारा देहरादून में लॉजिस्टिक ड्रोन के ट्रायल करने संबंधी वार्ता से जुड़ा संवेदनशील और गोपनीय दस्तावेज शामिल है, इसे भी बरामद किया गया है।

आरोपी को पूछताछ के बाद किया गया गिरफ्तार

यूपी एटीएस के एडीजी नीलाब्जा चौधरी ने बताया कि यूपी एटीएस और उनकी सहयोगी एजेंसियों को जानकारी मिली थी कि रविंद्र कुमार नाम का एक व्यक्ति अपने पाक ISI हैंडलर के साथ विभिन्न गोपनीय और संवेदनशील जानकारी साझा कर रहा था। इस पर काम करते हुए एटीएस की आगरा इकाई ने रविंद्र कुमार से प्रारंभिक पूछताछ की और उसे विस्तृत पूछताछ के लिए ATS मुख्यालय बुलाया गया। उन्होंने बताया कि पूछताछ में सामने आया कि उसने नेहा नामक एक हैंडलर के माध्यम से बहुत संवेदनशील जानकारी साझा की।

एडीजी एटीएस ने दी जानकारी

एडीजी नीलाब्जा चौधरी ने बताया कि ये ISI मॉडल लंबे समय से चल रहा है। वे लोगों को फंसाते हैं और उनसे जानकारी निकालते हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा है, इसलिए उससे पूछताछ करने पर हमें पता चला कि वह समय-समय पर उस हैंडलर के साथ जानकारी साझा करता था। फैक्ट्री की दैनिक उत्पादन रिपोर्ट, स्टोर की रसीद, आपराधिक प्रचलन के अन्य दस्तावेज, आने वाला स्टॉक, मांग आदि जानकारी साझा करता था। उन्होंने कहा कि मैं सभी संवेदनशील संस्थानों से अनुरोध करूंगा कि वे अपने सुरक्षा अभ्यास, SOP को हमारे महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों के सभी अधिकारियों के साथ अपडेट करें। अपने कर्मचारियों की न्यूनतम स्तर की सुरक्षा जांच बनाए रखें, ताकि भविष्य में ऐसी स्थितियों से बचा जा सके। फिलहाल आगे की जांच जारी है।

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