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शारदा विश्वविद्यालय दो दिवसीय व्यावहारिक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन

पर दो दिवसीय व्यावहारिक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम ने छात्रों, शोधकर्ताओं और पेशेवरों को आकर्षित किया। दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न संस्थान के जीवन विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी और जैव रसायन के क्षेत्रों से अलग लोग मौजूद रहे।
विश्वविद्यालय के डीन रिसर्च डॉ भुवनेश कुमार ने कहा कि पशु कोशिकाओं के संवर्धन और हेरफेर के लिए बुनियादी तरीकों को जानें, जो दवा की खोज, वैक्सीन उत्पादन और रोग मॉडलिंग के लिए महत्वपूर्ण हैं। टीका उत्पादन और रोग मॉडलिंग के लिए आवश्यक पशु कोशिका संवर्धन तकनीकों में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करना है।

शारदा विश्वविद्यालय में डीएसटी-फिस्ट के प्रमुख डॉ संदीप शुक्ला ने इस तरह के उपकरण सीखना और मौजूदा ज्ञान और विशेषज्ञता के उन्नयन की आवश्यकता पर जोर दिया है। जैव प्रौद्योगिकी, जैव रसायन और संबंधित क्षेत्रों में छात्रों, शोधकर्ताओं और पेशेवरों के बीच ज्ञान के आदान-प्रदान और कौशल विकास के लिए एक मंच बनाना।

इस दौरान डॉ मोहित साहनी, डॉ संजय कुमार, डॉ सौमी साधु, डॉ अनुपम अग्रवाल समेत विभाग के प्रोफेसर मौजूद रहे।

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