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कंपनी की बैलेंस शीट देख रची मालिक और मैनेजर के अपहरण की साजिश, फिरौती में चाहते थे 2 करोड़

नोएडा: नोएडा सेक्टर-90 में स्टॉक एक्सचेंज से जुड़ी कंसल्टेंसी फर्म के मालिक और मैनेजर का अपहरण कर 2 करोड़ रुपये की फिरौती मांगने का मामला सामने आया है। इस मामले में बागपत बड़ौत के रहने वाले कंपनी मालिक के परिवार की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए बागपत पुलिस ने कंपनी में ही काम करने वाले चार युवकों को गिरफ्तार किया है।

एएसपी बागपत नागेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि 1 मार्च को तड़के करीब 5 बजे पुलिस को सूचना दी गई कि कंपनी के मालिक नूर अहमद और उसके मैनेजर सावेज का नोएडा से ही अपहरण किया गया है। अपहरण करने वालों ने परिजनों को कॉल कर 2 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी है। शिकायत मिलते ही केस दर्ज कर टीम को लगाया गया। टीम ने रविवार को बागपत से दोनों को सकुशल छुड़ाने के साथ ही चार आरोपियों को गिरफ्तार किया।

इनकी पहचान कंपनी के ही कर्मचारी शिवम और प्रद्युम के अलावा रजत और विजय के रूप में हुई है। रजत एनवायरनमेंट साइन में एमएससी है और कंपनी के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर बैलेंस शीट से जुड़ा काम देखता है। इस वारदात में कुछ और नाम सामने आए हैं, इसमें गौड़ सिटी में रहने वाले विजेंद्र का भी नाम सामने आया है। अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।

बहाने से कार में बैठाया फिर गनपॉइंट पर किया अगवा

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि प्लानिंग में करीब 10 लोग शामिल थे। दो गाड़ियों से वे नोएडा सेक्टर-90 पहुंचे थे। 28 फरवरी को नूर अपने मैनेजर सावेज के साथ नीचे आए थे। इस दौरान पहचान होने के कारण उन्होंने दोनों को कार में बैठा लिया। उनके बैठने के बाद आरोपियों ने पिस्टल के बल पर उन्हें अगवा किया और मारपीट के बाद रस्सी से बांध दिया।

इसके बाद वे दोनों की आंखों पर पट्टी बांधकर पहले शामली और फिर बागपत बड़ौत लेकर पहुंचे। जहां उन्हें एक ट्यूबवेल के पास रखा गया। इस दौरान शिवम ने एक बार परिवार से बात की और नूर के अगवा होने के बारे में बताया। इस मामले में आरोपियों ने कारोबारी के परिवार को 4-5 कॉल कर 2 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी और नहीं देने पर हत्या की धमकी दी। जिसके बाद डरे नूर के भाई बिलाल ने 1 फरवरी को सुबह 5 बजे पुलिस को सूचना दी।

बैलेंस शीट देखकर हुई थी प्लानिंग

पूछताछ में सामने आया है कि मूलरूप से बड़ौत के रहने वाले नूर की कंपनी में रजत कभी-कभी कंप्यूटर पर डेटा से जुड़े काम को करने जाता था। जहां उनकी कंपनी की बैलेंस शीट पर भारी निवेश को देखने के बाद उसने नोएडा में ही रह रहे विजेंद्र को इस बारे में जानकारी दी और उसे अगवा करने की प्लानिंग की गई।

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