उत्तराखण्डराज्य

इस्तीफा दे अमित शाह – गुरदीप सिह सप्पल

सी.डब्लू सी सदस्य . गुरदीप सिंह सप्पल ने देहरादून में दिया बयान
संसद में संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का अपमान हुआ

आशीष तिवारी , बालजी दैनिक

देहरादून , 24 दिसंबर , सी.डब्लू सी सदस्य . गुरदीप सिंह सप्पल(Gurdeep Singh Sappal) ने देहरादून में मीडिया से बात करते हुए कहा कि संविधान के 75वें वर्ष के अवसर पर संसद सत्र के दोनों सदनों में संविधान पर व्यापक चर्चा की गई। इस दौरान पक्ष औैर विपक्ष सभी दलो के चुने हुए सासंदो ने सदन की गरिमा और मर्यादा का ध्यान रखते हुए पुरजोर रूप से अपनी बाद रखी। संविधान पर अपने विचार रखते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमितशाह ने बाबा साहेब का अपमान करते हुए कहा कि अंबेडकर अंबेडकर अंबेडकर कहना तो जैसे आजकल फैशन बन गया है, इतनी बार अगर ईश्वर का नाम लिया होता तो ईश्वर स्वयं मिल जाते। केन्दीय गृहमंत्री के द्वारा बाबा साहेब के इस अपमान से देश का जनमानस आहत हुआ है। इस अपमान से ना सिर्फ अमितशाह बल्कि संघ और भाजपा कि संविधान और बाबा साहेब से नफरत उजागर हुई है। बाबा साहेब का अपमान भी भाजपा ने किया माफी मांगना तो दूर देश में कांग्रेस और अंबेडकर के रिशतों को लेकर झूठ फैलाने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। आरएसएस और भाजपा का इतिहासए कोशिशें और काम इस बात के गवाह हैं कि संघ और भाजपा मनुस्मृति के आधार पर भारतीय संविधान चाहते थे। इसीलिए ऑर्गनाइज़र मैगज़ीन में संविधान बनने के तीन दिन बाद लिखा था कि भारत के संविधान से वो सहमत नहीं हैं।

डॉ अम्बेडकर की निराशा और इस्तीफ़े का कारण आरएसएस हिंदू महासभा का और दूसरे रूढ़िवादियों का ज़बरदस्त विरोध था। आज संघ के लोग मजबूरी में डॉ अंबेडकर को मानते हैं क्योंकि उनका विरोध राजनैतिक रूप से ख़तरनाक है। लेकिन बाबा साहेब के जीतेजी आरएसएस और हिन्दू महासभा के द्वारा उनका विरोध इतिहास में दर्ज है। बाबा साहेब की इससे बड़ी जीत नही हो सकती की जिन लोगों ने दिल्ली के रामलीला मैदान में उनके पुुतले जलाएं थे और गालियां दी थी आज वहीं लोग उनके सामने घुटने टेकने का काम कर रहे है। बाबा साहेब को संविधान सभा में लाने वाली भी कांग्रेस थी, जब बंगाल से बाबा साहेब की सीट पाकिस्तान बंटवारें में चली गई थी, तो मुम्बई से अपने साथी को इस्तीफा दिलवाकर अंबेडकर को मुम्बई की सीट से सदन पहुचाने वाली भी कांग्रेस थी।

उन्हे कांग्रेस के द्वारा संविधान ड्राफटिंग कमेटी का चेयरमैन नियुक्त किया गया, उनको भारत सरकार की पहली केबिनेट में लां मिनिस्टर बनाया गया, संसद परिसर में बाहर की तरफ अम्बेडकर की दो प्रतिमाएं है, दोनो ही कांग्रेस की सरकार द्वारा स्थापित की गई है। और यहां यह स्पष्ट करना महत्वपूर्ण है की कांग्रेस ने बाबा साहेब अंबेडकर पर कोई एहसान नही किया, वह इस सम्मान के हकदार है और हमेशा रहेगें। बाबा साहेब और उनका दिया अनूठा, अद्वभूत और अद्वितीय संविधान कल भी प्रासंगिक थे और आज भी है और भविष्य में भी रहेगें।

बाबा साहेब अम्बेडकर सिर्फ एक नाम या देश के नेता नही जन-जन के हृदय मे बसते है। इसलिए कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि केन्दीय गृहमंत्री को मुद्दे से ध्यान भटकाने की नौटंकी से बाज आकर देश की देवतुल्य जनता जिनकी भावनाओं को उन्होने बाबा साहेब का अपमान कर के आहत किया है उनसे माफी मांगनी चाहिए और तत्काल अपने पद से इस्तिफा देना चाहिए। प्रेसवार्ता के दौरान वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी , राजनीतिक/मीडिया सलाहकार (अध्यक्ष) सरदार अमरजीत सिंह बुदिजीवी प्रकोष्ठ अध्यक्ष प्रदीप जोशी, प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिह बिष्ट एवं अभिनव थापा मौजूद रहे।

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