

नई दिल्ली : नए साल में गणतंत्र दिवस की परेड में एक बार फिर से राजधानी दिल्ली की झांकी नहीं दिखाई देगी। गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने को लेकर दिल्ली सरकार के झांकी के प्रस्ताव को रिजेक्ट कर दिया गया है। ये लगातार दूसरा साल होगा जब कर्तव्य पथ पर दिल्ली की झांकी नहीं दिखाई देगी। वहीं, पंजाब, हरियाणा उत्तराखंड और चंडीगढ़ की झांकी के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया गया है।
लगातार दूसरे साल खारिज हुआ प्रस्ताव
दिल्ली सरकार की प्रस्तावित झांकी के प्रस्ताव को लगातार दूसरे साल भी खारिज कर दिया गया है। एक अधिकारी ने निर्धारित मानदंडों (थीम, प्रस्तुति और प्रभाव को पूरा न करना) को अस्वीकृति का कारण बताया। चयन प्रक्रिया रक्षा मंत्रालय की तरफ से गठित एक एक्सपर्ट समिति द्वारा आयोजित की गई थी। इसमें विभिन्न मंत्रालयों के प्रतिनिधि शामिल थे।
15 राज्यों की दिखेगी झांकी
रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इस साल की परेड में गुजरात, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, बिहार, गोवा, झारखंड, आंध्र प्रदेश और त्रिपुरा सहित 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियां शामिल होंगी। केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली को भी इस सूची में शामिल किया गया है।
अधिकारी ने बताया कि पिछले साल अपनाई गई रोटेशन नीति के तहत 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से प्रस्ताव मांगे गए थे। इस नीति के तहत हर राज्य को हर तीन साल में एक बार झांकी पेश करने का मौका मिलेगा।
मिजोरम, सिक्किम ने खड़े किए हाथ
मिजोरम और सिक्किम ने 15 की प्रारंभिक सूची में शामिल होने के बावजूद झांकी प्रस्तुत करने में असमर्थता व्यक्त की। इस बीच, केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह प्रस्तावों का चयन करने वाली विशेषज्ञ समिति के समक्ष उपस्थित नहीं हुए।