छह दिन में सात करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान का बना कीर्तिमान, 45 करोड़ लोग लगाएंगे पुण्य की डुबकी
तीर्थराज प्रयाग में 45 दिवसीय महाकुंभ में छह दिनों में सात करोड़ श्रद्धालु पवित्र संगम में डुबकी लगा चुके हैं. दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन में साधु-संतों और श्रद्धालुओं का आना अब भी जारी है. 13 जनवरी को शुरू हुए महाकुंभ का पहला अमृत स्नान 14 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर था. इस दिन 3.5 करोड़ से ज़्यादा श्रद्धालुओं ने पवित्र डुबकी लगाई थी. माना जा रहा है कि दूसरे शाही स्नान मौनी अमावस्या पर 10 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचेंगे.
न सिर्फ भारत बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालुओं का जत्था आस्था के कुंभ में हिस्सा लेने के लिए पहुंच रहा है. गुरुवार को दस देशों का 21 सदस्यीय दल संगम में स्नान करने के लिए पहुंचा. इसमें शामिल विदेशी दल ने अखाड़ों में संतो के दर्शन भी किए. अनुमान है कि इस बार महाकुंभ में 45 करोड़ से ज्यादा लोग आने वाले हैं.
प्रयागराज में कड़ाके की ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं के जोश और उत्साह में कोई कमी नहीं दिख रही है. देश और दुनिया से पवित्र त्रिवेणी में श्रद्धा और आस्था के साथ डुबकी लगाकर पुण्य प्राप्त करने के लिए श्रद्धालु प्रतिदिन लाखों की संख्या में प्रयागराज पहुंच रहे हैं. देश के विभिन्न प्रांतों से आए स्नानार्थियों, श्रद्धालुओं और विश्व के अनेक देशों से आए श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में स्नान किया.
गुरुवार को ही शाम छह बजे तक प्राप्त जानकारी के अनुसार 30 लाख से ज्यादा लोगों ने त्रिवेणी संगम में स्नान कर लिया. इसमें 10 लाख कल्पवासियों के साथ-साथ देश-विदेश से आए श्रद्धालु एवं साधु-संत शामिल रहे.
महाकुंभ से पहले 11 जनवरी को लगभग 45 लाख लोगों ने स्नान किया तो वहीं 12 जनवरी को 65 लाख लोगों के स्नान करने का रिकॉर्ड दर्ज हुआ इस तरह महाकुंभ से दो दिन पहले ही एक करोड़ से ज्यादा लोगों ने स्नान का रिकॉर्ड दर्ज कर लिया. महाकुम्भ के पहले दिन पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व पर 1.70 करोड़ लोगों ने स्नान कर रिकॉर्ड बनाया तो अगले दिन 14 जनवरी को मकर संक्रांति अमृत स्नान के अवसर पर 3.50 करोड़ लोगों ने संगम में श्रद्धा के साथ डुबकी लगाई.
महाकुम्भ के पहले दो दिनों में 5.20 करोड़ से ज्यादा लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई. इसके अलावा, 15 जनवरी को महाकुंभ के तीसरे दिन 40 लाख और 16 जनवरी को शाम 6 बजे तक 30 लाख लोगों ने संगम स्नान किया. इस तरह, स्नानार्थियों की संख्या ने सात करोड़ को पार कर गई.