राष्ट्रीय

रेल संशोधन विधेयक राज्यसभा में पारित, अधिक दक्षता, सुरक्षा और सशक्तिकरण का आश्वासन

नई दिल्ली: लोकसभा में 11 दिसंबर, 2024 को पास होने के बाद सोमवार को रेल (संशोधन) विधेयक, 2024 ध्वनिमत से राज्यसभा में भी पारित हो गया। यह विधेयक रेलवे बोर्ड के गठन और रेलवे कानूनों को सरल बनाएगा। यह विधेयक रेलवे बोर्ड के लिए 1905 में बने कानून और 1989 रेलवे अधिनियम की जगह लेगा। दो अलग-अलग कानूनों की जगह एक ही कानून होगा। इससे रेलवे बोर्ड और ट्रेनों को चलाने में और स्पष्टता और आसानी होगी।

बिल से संसद के अधिकारों में कमी नहीं- रेल मंत्री

इस मामले में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने फिर से कहा कि इससे रेलवे का ना तो निजीकरण होगा और ना ही केंद्रीयकरण। उन्होंने कहा कि इस बिल से संसद के अधिकारों में कहीं कोई कमी नहीं आएगी। विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए रेल मंत्री वैष्णव ने महाकुंभ के दौरान नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ जैसी रेल दुर्घटनाओं को लेकर राजनीति नहीं करने की नसीहत दी।

रेल हादसों पर राजनीति नहीं करने की नसीहत

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि उनके मंत्रालय ने इस घटना से सीख लेते हुए तमाम उपाय किए हैं। जिनमें देश के प्रमुख स्टेशनों पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए 60 प्रमुख स्टेशनों पर वेटिंग हॉल बनाना शामिल है। रेल मंत्री के जवाब के बाद सदन ने विपक्षी सदस्यों के संशोधन प्रस्तावों को खारिज कर और सरकार द्वारा लाए गये प्रस्तावों को स्वीकार करते हुए इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया।

नई दिल्ली स्टेशन भगदड़ पर बोले- जांच चल रही

रेल मंत्री ने महाकुंभ के दौरान नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ को लेकर उस समय सीसीटीवी कैमरे बंद होने के लगे आरोपों पर कहा कि सीसीटीवी की फुटेज उनके पास है। घटना की जांच चल रही है। इसलिए वह इस बारे में अधिक नहीं बोलना चाहेंगे। उन्होंने कहा कि इस घटना से सीख लेते हुए मंत्रालय ने कई कदम उठाए हैं।

कांग्रेस सांसद ने रेल मंत्री पर साधा निशाना

कांग्रेस के सांसद विवेक तन्खा ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए रेल मंत्री वैष्णव पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि ‘टेक्नोक्रेट’ को मंत्री बनाने मात्र से रेलवे का विकास नहीं होगा। इसका जवाब देते हुए रेल मंत्री वैष्णव ने कहा कि हां, वह मानते हैं कि वह एक ‘टेक्नोक्रेट’ और पूर्व नौकरशाह हैं, किंतु अगर उनकी प्रतिबद्धता में कोई कमी है तो उन पर उंगली उठाई जाए। उन्होंने कहा कि देश में 60 साल में रेलवे के विद्युतीकरण की दिशा में जो काम नहीं हुआ वह मोदी सरकार ने मात्र 11 साल में करके दिखा दिया।

रेल दुर्घटनाओं पर क्या कहा

रेल मंत्री ने कहा कि आज रेलवे सुरक्षा में एक लाख 14 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। रेल दुर्घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि एक समय एक साल में औसतन 131 रेल दुर्घटनाएं होती थीं जिनकी संख्या आज घटकर 30 रह गयी है। कवच और एंटी कोलेजन डिवाइस पर उन्होंने तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के रेल मंत्री रहने के दौरान टक्कर रोधी उपकरण लगाये जाने का जिक्र करते हुए कहा कि ये सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतरे थे और पूर्ववर्ती संप्रग सरकार ने ही बाद में इसे खारिज कर दिया था।

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