DGMO स्तर की वार्ता में पाकिस्तान IWT का मुद्दा जोरशोर से उठाएगा

नई दिल्ली: भारत-पाकिस्तान के बीच फायरिंग और मिलिट्री ऐक्शन रोकने की सहमति के बाद अब सोमवार को फिर भारत के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन (DGMO) और पाकिस्तान के DGMO बात करेंगे। ये बातचीत दोपहर 12 बजे होगी। सबकी निगाहें इस बातचीत पर होगी क्योंकि इसमें ही सभी स्थितियों पर बातचीत होगी और इसका भी रिव्यू होगा कि दोनों पक्षों ने बनी सहमति का पालन किया या नहीं किया।
पाकिस्तान के DGMO ने भारत के DGMO को शनिवार को 3 बजकर 35 मिनट पर कॉल किया। बातचीत में यह सहमति बनी कि दोनों पक्ष सभी फायरिंग और मिलिट्री एक्शन को शाम 5 बजे से रोक देंगे। तय हुआ कि 12 मई को फिर दोपहर 12 बजे बात करेंगे। मिलिट्री ऑपरेशंस की जिम्मेदारी DGMO देखते हैं। DGMO की सेना के दैनिक संचालन, वॉर प्लानिंग, रणनीतिक फैसलों में केंद्रीय भूमिका होती है। DGMO का रोल न सिर्फ युद्ध के वक्त, बल्कि शांति के दौरान भी अहम होता है। ये सीमा पर तनाव, आतंकवाद विरोधी अभियानों जैसी अहम जिम्मेदारियों देखते हैं।
वैसे भारत और पाकिस्तान के बीच तय प्रोटोकॉल के हिसाब से हर मंगलवार को भारत और पाकिस्तान के DGMO ऑफिस के अधिकारियों के बीच हॉटलाइन पर बात होती है। इसमें सीमा की स्थिति पर बात होती है और अगर किसी पक्ष ने किसी नियम का उल्लंघन किया होता है तो भी इसी हॉटलाइन के जरिए शिकायत दर्ज कराई जाती है।
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जब पाकिस्तान एलओसी पर लगातार सीजफायर का उल्लंघन कर रहा था तब भी मंगलवार को हुई बातचीत में भारत के DGMO ऑफिस की तरफ से पाकिस्तान को कड़े शब्दों में कहा गया था कि सीजफायर का उल्लंघन बंद करें। सहमति के बावजूद पहले भी पाकिस्तान सीजफायर का उल्लंघन करता आया है। इसलिए 12 मई की बातचीत अहम होगी। वैसे 2003 में भारत-पाकिस्तान के बीच सीज फायर अग्रीमेंट हुआ था लेकिन पाकिस्तान ने कुछ समय बाद ही इसका उल्लंघन शुरू कर दिया था। फिर फरवरी 2021 में इसका गंभीरता से पालन करने को लेकर दोनों देशों के DGMO ने संयुक्त बयान जारी किया। जिसके बाद 24 फरवरी 2021 की रात से ये लागू हुआ था और इसका काफी हद का पालन भी हुआ।
पाक ने किया सीजफायर का उल्लंघन
साल 2022 में पाकिस्तान ने एक बार सीजफायर का उल्लंघन किया। साल 2023 में एक बार भी सीजफायर का उल्लंघन नहीं हुआ। पिछले साल यानी 2024 में पाकिस्तान ने दो बार सीजफायर का उल्लंघन किया। इस साल मार्च आखिर तक पाकिस्तान ने 2 बार सीजफायर का उल्लंघन किया था। लेकिन पहलगाम आतंकी हमले के बाद 24 अप्रैल की रात से पाकिस्तान इसका लगातार उल्लंघन कर रहा था। पहले स्मॉल आर्म फायर किए और फिर ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च होने के बाद तोपें दागनी शुरू हुई।