पाकिस्तान ने माना आतंकवाद फैलाने की बात, कहा- हम 30 साल से कर रहे यह गंदा काम

इस्लामाबाद: Pakistan Khwaja Asif on Terrorist: पाकिस्तान आतंकवादियों का देश है ये तो पूरी दुनिया जानती है। लेकिन पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने स्काई न्यूज पर कबूल किया है कि पाकिस्तान कई दशकों से आतंकवाद में शामिल रहा है। ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि पाकिस्तान, अमेरिका और ब्रिटेन के लिए आतंकवाद को फैलाता रहा है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कबूल किया है कि पाकिस्तान, दशकों से आतंकवादी समूहों को समर्थन करने, सहायता करने और उन्हें फंड देने में शामिल रहा है। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बीच ब्रिटेन स्थित स्काई न्यूज को ख्वाजा आसिफ ने एक इंटरव्यू दिया है। इसमें उन्होंने कहा है कि “पाकिस्तान 30 वर्षों से ज्यादा समय से अमेरिका के लिए यह “गंदा काम” कर रहा है।”
स्काई न्यूज पर इंटरव्यू के दौरान आतंकवादियों को धन मुहैया कराने में पाकिस्तान की भूमिका को लेकर जब ख्वाजा आसिफ से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि “हम अमेरिका और ब्रिटेन समेत पश्चिमी देशों के लिए करीब तीन दशकों से यह गंदा काम कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि “पाकिस्तान का यह फैसला एक “गलती” थी और उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ा।” यानि पाकिस्तान की सरकार ने अब कबूल किया है कि वो आतंकवाद में शामिल रही है। जिसके बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या आतंकवादियों की मदद करने वाले देश का दुनिया बहिष्कार करेगी?
‘आतंकवाद फैलाने में शामिल रहा है पाकिस्तान’
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि “अगर हम सोवियत संघ के खिलाफ युद्ध में शामिल नहीं होते और बाद में 9/11 के बाद के युद्ध में शामिल नहीं होते… तो पाकिस्तान का ट्रैक रिकॉर्ड बेदाग होता।” इसके अलावा आतंकवादी गतिविधियों के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराने के लिए अमेरिका के फैसलों को लेकर ख्वाजा आसिफ ने कहा कि “बड़ी शक्तियों के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराना सुविधाजनक है, जिसने 80 के दशक में सोवियत संघ के खिलाफ उनकी तरफ से युद्ध लड़ा था। आज के ये सभी आतंकवादी, वाशिंगटन में रो रहे थे और खाना खा रहे थे।” उन्होंने कहा कि यहां तक कि अमेरिका ने भी अफगानिस्तान में सोवियत संघ से लड़ने के लिए आतंकवादियों को “प्रॉक्सी” के रूप में इस्तेमाल किया।
भारत लंबे समय से पाकिस्तान पर आतंकवादी संगठनों का समर्थन करने का आरोप लगाता रहा है। भारत में दर्जनों आतंकवादी हमले हो चुके हैं और हर आतंकी हमले में पाकिस्तान शामिल रहा है। हालांकि पाकिस्तान हमेशा से भारत के आरोपों को नकारता रहा है और सबूत मांगता रहा है। जबकि पाकिस्तान में दर्जनों आतंकवादी संगठन एक्टिवेट हैं। कई आतंकी संगठनों के खिलाफ तो यूनाइटेड नेशंस ने प्रतिबंध लगाए हैं। पाकिस्तान ने कश्मीर में जिहाद फैलाने और भारत के खिलाफ आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए इन आतंकी संगठनों का इस्तेमाल प्रॉक्सी के तौर पर किया है। पहगाम में हुए आतंकी हमले की भी जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के ही एक शैडो संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है। इस हमले में 26 लोग मारे गये हैं, जिसका जवाब देते हुए भारत ने सिंधु जल समझौता सस्पेंड कर दिया है। भारत ने कहा है कि सिंधु जल समझौता स्थगन तब तक लागू रहेंगी, जब तक पाकिस्तान “सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से त्याग नहीं देता।”
वहीं ख्वाजा आसिफ के कबूलनामे पर अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रह चुके हुसैन हक्कानी ने फटकार लगाई है। उन्होंने कहा है कि “पाकिस्तानी अधिकारियों को अपनी बातचीत के प्वाइंट्स को अपडेट करने की जरूरत है। अमेरिका ने हमेशा कश्मीर जिहाद का विरोध किया है, जिसकी शुरुआत पाकिस्तान से हुई थी। अमेरिका की भागीदारी सोवियत विरोधी अफगान जिहाद में थी, जिसे 1989 में सोवियत वापसी के साथ समाप्त हो जाना चाहिए था।” रक्षा मंत्री के बयान के बाद पाकिस्तान फंस गया है। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री के आतंकवाद के कबूलनामे के बाद पूरी दुनिया से प्रतिक्रिया आ रही है और माना जा रहा है कि उनका बयान ‘पाकिस्तान एक आतंकवादी देश है’ इसपर मुहर लगाने के लिए काफी है।