नोएडा: नोएडा के B 57 सेक्टर 52 स्थित अनाया अल्ट्रासाउंड सेंटर के डॉक्टरो पर फर्जी रिपोर्ट करने के गम्भीर आरोप लगे हैं। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गौतम बुद्धनगर ने प्रकरण की गंभीरता से लेते हुए एफआईआर दर्ज करने का आदेश सेक्टर 24 थाने को दिया। और सप्ताह भर के अंदर कार्रवाई की रिपोर्ट को कोर्ट में पेश किए जाने का आदेश भी दिया।
वाक़या नोएडा के सेक्टर 52 स्थित अनाया डायग्नोसिस सेंटर का है जहां डॉ. शिवानी ने विगत 13 अप्रैल 23 को अर्चना मिश्रा का अल्ट्रासाउंड किया था फर्जी रिपोर्ट के मुताबिक मरीज के गुर्दे में 17.5 एमएम पथरी होने की रिपोर्ट दिया। परिजनों को संदेह हुआ तो उन्होंने नोएडा सेक्टर 61 अल्ट्रासाउंड डायमेंशन 14 अप्रैल 23 को डाक्टर मोनिका जी के अल्ट्रासाउंड सेंटर पर जाकर दोबारा से अल्ट्रासाउंड कराया। तो पता चला की पथरी जैसी कोई बात नहीं है।
विश्वास और अविश्वास के बीच झूलता यह परिवार एक बार फिर से 21 अप्रैल 23 को नोएडा सेक्टर 11 स्थित मेट्रो हॉस्पिटल में फिर से अल्ट्रासाउंड कराया। इस बार भी पथरी जैसी कोई रिपोर्ट नहीं आई । अब सवाल उठता है कि अनाया अल्ट्रासाउंड सेंटर. जिसने 17.5 एमएम पथरी क्यों रिपोर्ट किया?
दरअसल अल्ट्रासाउंड डायग्नोसिस सेंटर संगठित अपराध की तरह व्यवहार कर रहे हैं। मरीजों को इस तरह से रिपोर्ट करके उन्हें ऑपरेशन के लिए विवश करते हैं। इसका क्या मतलब निकाला जाए इस रिपोर्ट को आधार बनाकर मरीज के परिजन निर्णय ले लेते अनावश्यक रूप से लाखों रुपए का व्यय होता। अनन्या डायग्नोसिस की गलत रिपोर्ट पर नोएडा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से की गई शिकायत पर सिर्फ लीपापोती करते हुए इतिश्री कर दिया। लेकिन चिकित्सा अधिकारी के अनुसार भी कोई पथरी नहीं पायी गई …
डायग्नोसिस सेंटर संचालक और डॉक्टर के बीच एक बड़ा नेक्सस बना हुआ है। जिस कारण शिकायत के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। अंत में पीड़िता अर्चना मिश्रा ने न्यायालय में बाद दायर किया। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए परीक्षणोंप्रान्त डायग्नोसिस सेंटर पर मुकदमा दर्ज किए जाने का आदेश संबंधित थाने को दिया है। न्यायालय के आदेश के बाद जहां डायग्नोसिस सेंटर संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है तो वहीं पीड़िता को न्याय की उम्मीद मिलती दिखाई दे रही है।