उत्तर प्रदेशराज्‍य

सपा विधायक रागिनी सोनकर के सवालों पर सीएम योगी ने दिया जवाब, कहा- 2029 तक उत्तर प्रदेश…

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा में बजट सत्र में प्रश्नोत्तर काल के दौरान गजब की चर्चा देखने को मिली। समाजवादी पार्टी की विधायक रागिनी सोनकर (Ragini Sonkar) ने अर्थव्यवस्था से लेकर आयकर तक के विषय पर अहम सवाल उठाए। इस पर सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने भी संतुलित और सधे तरीके से सभी सवालों का जवाब दिया।

सपा विधायक रागिनी सोनकर ने कहा- आपके आंकड़े बताते हैं कि पूरे देश में 60 करोड़ लोग हैं, जो राशन पर आश्रित हो चुके हैं। प्रतिवर्ष 6 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे जा रहे हैं। मध्यम वर्ग की बात करें तो आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार 2010-11 में मध्यम वर्ग की आमदनी जीएसडीपी का 25 प्रतिशत हुआ करती थी। आज इस समय 5.1 प्रतिशत पर आकर रह गई है। महिलाओं की बात करूं तो नियमित वेतनभोगी 22 प्रतिशत थीं, आज 16 प्रतिशत तक आ गई हैं। कहीं न कहीं वन ट्रिलियन इकॉनमी के जुमले का शिकार पूरे प्रदेश का गरीब, नौजवान, महिलाएं और मध्यम वर्ग हो रहा है।

मेरा सवाल है कि प्रदेश वन ट्रिलियन इकॉनमी कब तक पहुंचा देगा? और साथ ही साथ वो कौन-कौन से विभाग हैं जो सबसे ज्यादा और सबसे कम कंट्रीब्यूट कर रहे हैं। उनके कंट्रीब्यूशन को किस तरह से बढ़ाया जाएगा। जो जवाब आया है उसमें विभागों के नाम तो हैं लेकिन कंट्रीब्यूशन की डिटेल नहीं दी गई है। हम पिछले वर्ष से ही तुलना कर लें तो जिस गति से हम चल रहे हैं, आज से आने वाले 20 से 25 वर्ष में भी हम वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी नहीं बन सकते हैं।

हमें 20 प्रतिशत ग्रोथ रेट की जरूरत है और हमारा ग्रोथ रेट 10 प्रतिशत तक पहुंच पाया है। प्रश्न ये है कि जो गरीबी रेखा के नीचे जा रहे लोगों को ऊपर उठाने के लिए क्या कोई नीति है। मध्यम वर्ग की पॉकेट वापस भरने के लिए कोई नीति है। महिलाओं को वापस नौकरी पर लाने के लिए कोई योजना है।

योगी आदित्यनाथ ने जवाब देते हुए कहा- जो प्रश्न किया है वो महत्वपूर्ण है लेकिन माननीय सदस्या खुद तैयार करके प्रश्न नहीं लाई हैं। उनको पता होना चाहिए कि उत्तर प्रदेश ने वन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी का लक्ष्य रखा है और भारत 3 नहीं 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनने की दिशा में अग्रसर हुआ है।

आपकी पीड़ा को मैं समझ सकता हूं क्योंकि आपके जो नेता बोलते हैं कि भारत कभी विकसित देश नहीं बन सकता तो आप तो उनका अनुसरण करेंगी ही करेंगी। यूपी वन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी नहीं बन सकता, ये वक्तव्य आपकी पार्टी की मंशा के अनुरूप उपयुक्त ही है।

भारत आज दुनिया की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। 2027 में भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनेगा इसमें कोई शक की बात नहीं है। हो सकता है कुछ लोगों को इसमें अच्छा नहीं लग रहा हो। क्योंकि जिनका अपना पर्सनल एजेंडा होता है वह देश के विकास को अच्छा नहीं मानेंगे।

उत्तर प्रदेश ने वन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनने की दिशा में 2022 से एक व्यवस्थित कार्ययोजना पर काम शुरू किया है। इसके अनुसार सरकार ने अपने कार्यक्रम को 10 सेक्टर में आगे बढ़ाया है। हर सेक्टर में कोई ना कोई अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव का अधिकारी नियमित मॉनीटरिंग करता है। मासिक रूप से मंत्री द्वारा उसकी समीक्षा की जाती है। उसके कुछ पैरामीटर तय किए गए हैं। साथ ही सीएम डैशबोर्ड के माध्यम से हर महीने समीक्षा और मैं खुद हर तीन महीने पर इसकी समीक्षा करता हूं।

पिछले तीन वर्ष के अंदर हमने जो टार्गेट तय किए थे, उसे हमने सफलता से हासिल किया है। उसी का परिणाम है कि जब हमारी सरकार आई थी तब 12 लाख करोड़ की यूपी की इकॉनमी थी, इस वित्तीय वर्ष में वह साढ़े 27 लाख करोड़ की इकॉनमी बनकर उभरेगी। यह उन परिस्थितियों में हो रहा है, जब पूरी दुनिया वैश्विक महामारी कोरोना से गुजरी थी। मेरा मानना है कि यूपी में आज अच्छी ग्रोथ रेट है।

योगी ने कहा कि हमने जो 10 सेक्टर बनाए हैं, उस सेक्टर में अवस्थापना और आद्योगिक विकास का एक सेक्टर भी है, इसके अलावा एमएसएमई, हथकरघा-वस्त्रोद्योग है, आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, सिविल एविएशंस, पीडब्ल्यूडी और एनआरआई से संबधित विभाग इसमें रखे गए हैं। इनकी समीक्षा एपीसी के स्तर से होती है।

दूसरा सेक्टर है जो कृषि औ उससे संबंधित विभाग जैसे उद्यान, खाद्य प्रसंस्करण, रेशम विभाग, पशुधन, डेयरी, फिशरीज, सिंचाई और जल संसाधन को भी इससे जोड़ा गया है। तीसरा सेक्टर सामाजिक सुरक्षा से जुड़ा है। जिसमें समाज कल्याण और सोशल सेक्टर वाले विभागों को जोड़ा गया है। चौथा सेक्टर नगरीय विकास से जुड़ा है जिसमें आवास एवं शहरी विकास, रोजगार, वन, पर्यावरण वाले विभागों को इस सेक्टर के साथ जोड़ा गया है।

पांचवां सेक्टर ग्राम्य विकास से संबंधित विभागों को जोड़ा गया है। छठा सेक्टर राजस्व से जुड़े विभाग में हैं। सातवां सेक्टर शिक्षा का है। इसमें स्पोर्ट्स को भी जोड़ा है। आठवां सेक्टर विधि से संबंधित, नवां चिकित्सा स्वास्थ्य, मेडिकल एजुकेशन आदि विभाग हैं। और दसवें सेक्टर में ट्यूरिज्म से संबंधित विभाग शामिल किए गए हैं।

योगी ने कहा कि अकेले महाकुंभ का आयोजन यूपी की इकॉनमी में तीन लाख करोड़ की ग्रोथ करने वाला है। महिलाओं के स्वावलंबन की दिशा में यूपी पुलिस में 20 प्रतिशत की अनिवार्य भर्ती महिलाओं की हुई है। जिस उत्तर प्रदेश को बीमारू राज्य में खड़ा कर दिया था। 2029 में उत्तर प्रदेश वन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी भी बनेगा।

रागिनी सोनकर का सवाल-

वन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी का दावा कर रहे हैं। आपने सिर्फ विभागों के नाम दिए हैं, लेकिन उन्होंने किया क्या है, ये नहीं बताया है। मैं सिर्फ तीन विभागों कृषि, रोजगार सेवा और इंडस्ट्री विभाग का जिक्र करेंगी, जहां सबसे ज्यादा काम करने की जरूरत है। आपने ये नहीं बताया कि इन विभागों में कितने काम करने की जरूरत है कि हम वन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी हासिल कर लेंगे। मध्यम वर्ग को सरकार कैसे बचाएगी।

योगी ने कहा कि सदन की तरफ से टैबलेट भी आप सभी को उपलब्ध कराए गए हैं। हम लोगों ने जितने भी सेक्टर की ग्रोथ रेट है, इसे सीएम डैशबोर्ड के माध्यम से हमने पेश किया है, इसे आप जाकर देख भी सकते हैं। लेकिन उसके लिए समय निकालना पड़ेगा। दूसरा है उत्तर प्रदेश में औद्योगिक निवेश। यूपी में हमने फरवरी 2023 में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट किया था, जिसमें 40 लाख करोड़ के निवेश के प्रस्ताव मिले थे, इनमें 15 लाख करोड़ के निवेश के प्रस्ताव को ग्राउंड ब्रेकिंग किया जा चुका है। जिनमें से कई में प्रोडक्शन भी शुरू हो चुका है। ये 15 लाख करोड़ का प्रस्ताव यूपी के सीधे-सीधे 60 लाख नौजवानों को रोजगार की गारंटी है।

ये पहली सरकार है, जिसने साढ़े 7 लाख से अधिक नौजवानों को सरकारी नौकरी भी दी है। एमएसएमई सेक्टर में सबसे ज्यादा रोजगार प्राप्त होता है। इस सेक्टर को पिछली सरकारों की उपेक्षा के कारण दम तोड़ चुका था। हमने ओडीओपी के माध्यम से इसे सुधारा। कोरोना काल में 40 लाख कामगार वापस आया था, हमने स्किल मैपिंग कर उनके घर के पास काम करने का अवसर दिया था। अकेले एमएसएमई सेक्टर में यूपी में दो करोड़ लोगों को रोजगार मिला है।

योगी ने कहा कि जहां तक मध्यमवर्ग की आय की बात आप करना चाहती है। आज उत्तर प्रदेश का पैसा यूपी में ही लग रहा है। ये रिजर्व बैंक की ही रिपोर्ट है कि पिछले पांच वर्षों में यूपी ने सबसे ज्यादा लेनदेन किया है। जिनके पास बैंक एकाउंट नहीं होता था, उनके एकाउंट में करोड़ों रुपए है।

किसानों को एमएसपी के माध्यम से भुगतान हो रहा है। उत्तर प्रदेश फिर से सर्वाधिक गन्ना उत्पादन, चीनी उत्पादन, सर्वाधिक एथनॉल उत्पादन करने वालों के रूप में शामिल हो चुका है।

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