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एनआईए को मिली आतंकी तहव्वुर राणा की 18 दिन की रिमांड, अदालत ने सुनाया फैसला; अब खुलेंगे 26/11 हमले के राज

लंबे इंतजार और कानूनी प्रक्रिया के बाद मुंबई आतंकी हमलों (26/11) का मुख्य आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा अब भारत की गिरफ्त में है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आज गुरुवार रात से ही तहव्वुर से पूछताछ शुरू कर दी है. इसके लिए स्पेशल टीम भी बनाई गई है. एनआईए ने बताया कि तहव्वुर को भारत लाए जाने के बाद गिरफ्तार किया गया. जबकि अमेरिका ने इस पर कहा कि हमले के पीड़ितों के लिए न्याय की दिशा में यह अहम कदम है. इजराइल की ओर से भी इस मामले पर खुशी जताई गई है.

पेशी के बाद कोर्ट ने तहव्वुर हुसैन राणा को 18 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. जांच एजेंसी NIA ने 20 दिन की हिरासत मांगी थी. बंद कमरे में मामले की सुनवाई हुई और गुरुवार देर रात 2 बजे फैसला सुनाया गया है. जांच एजेंसी की टीम कल सुबह से राणा से पूछताछ करेगी.

अमेरिकी गल्फस्ट्रीम G550 विमान बुधवार को तहव्वुर राणा को लेकर भारत के लिए रवाना हुआ था. यह विशेष विमान गुरुवार शाम 6.22 बजे दिल्ली के पालम टेक्निकल एयरपोर्ट पर लैंड हुआ. लैंड करने के कुछ देर बाद वह 6.30 पर प्लेन से बाहर निकला. फिर औपचारिक प्रक्रिया पूरी करने के बाद शाम 6.40 बजे उसे UAPA के तहत गिरफ्तार कर लिया गया. उसका एयरपोर्ट पर ही मेडिकल टेस्ट कराया गया.

IG-DIG लेवल के अधिकारी करेंगे पूछताछ

खास बात यह है कि तहव्वुर राणा को अमेरिका से ही कैदियों की ड्रेस में ही अमेरिका से दिल्ली लाया गया. एयरपोर्ट पर मेडिकल टेस्ट कराए जाने के बाद कड़ी सुरक्षा में उसे दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में लाया गया. स्पेशल NIA जज चंद्रजीत सिंह की कोर्ट में रात साढ़े 10 बजे उसकी पेशी की गई. कोर्ट में काफी देर तक सुनवाई चली.

तहव्वुर को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120B, 121, 121A, 302, 468 और 471, साथ ही UAPA की धारा 16,18 और 20 के तहत गिरफ्तार किया गया. दिल्ली लीगल सेल की ओर से तहव्वुर की पैरवी के लिए एक वकील की व्यवस्था की गई है. वकील पीयूष सचदेवा कोर्ट में उसकी पैरवी करेंगे.

आंतकी तहव्वुर से एनआईए के हेडक्वॉक्टर में ही पूछताछ करने की व्यवस्था की गई है. हेडक्वॉक्टर के तीसरे फ्लोर पर जांच एजेंसी के आईजी और डीआईजी लेवल के अधिकारी आज रात से ही पूछताछ शुरू करेगी. इसके लिए हेडक्वॉक्टर के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. तीसरे फ्लोर पर पूछताछ के लिए सेटअप भी तैयार कर लिया गया है. यहां पर वह लगातार 24 घंटे सीसीटीवी की निगरानी में रहेगा. कहा जा रहा है कि तहव्वुर से कम से कम 30 सवालों के जवाब मांगे जाएंगे.

कोर्ट कैंपस से हटाए गए मीडियाकर्मी

इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट में तहव्वुर को पेश किए जाने से पहले पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए मीडियाकर्मियों और आम लोगों को कोर्ट कैंपस से हटा दिया. मीडियाकर्मियों से (कैंपस से) बाहर जाने के लिए कहते समय पुलिस ने बताया कि वह यह सुनिश्चित कर रही है कि कोर्ट कैंपस पूरी तरह से खाली रहे.

पुलिस अधिकारियों ने कोर्ट कैंपस में लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित करने के लिए सुरक्षा चिंताओं का हवाला दिया और कहा कि किसी को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. इस बीच एनआईए का प्रतिनिधित्व कर रहे सीनियर एडवोकेट दयान कृष्णन और विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र मान पहले ही कोर्ट कैंपस में पहुंच गए थे. हालांकि, उन्होंने कोई कमेंट नहीं किया.

NIA-NSG की टीम लेकर आई दिल्ली

अमेरिका से प्रत्यर्पित किए जाने के बाद एनआईए ने बताया कि 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य आरोपी तहव्वुर राणा को अमेरिका से सफलतापूर्वक प्रत्यर्पित कराने के बाद भारत लाया गया. फिर उसे यहां पर औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया. एजेंसी ने बताया कि तहव्वुर को एनआईए और राष्ट्रीय सुरक्षा गारद (एनएसजी) की टीम दिल्ली लेकर आई है.

एनआईए के मुताबिक, एजेंसी की टीम ने सभी जरूरी कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद तहव्वुर को विमान से उतरने के तुरंत बाद ही गिरफ्तार कर लिया. इससे पहले एजेंसी ने अपने एक बयान में बताया कि साल 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य साजिशकर्ता को न्यायिक प्रक्रिया के दायरे में लाने के लिए कई सालों के लगातार और ठोस कोशिशों के बाद यह प्रत्यर्पण हो सका. 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा मुंबई में 26/11 के आतंकी हमले में 166 लोग मारे गए थे.

पूछताछ में PAK की भूमिका सामने आने की उम्मीद

भारत आने के बाद तहव्वुर को देश में न्यायिक प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा. साथ ही जांचकर्ताओं को यह उम्मीद है कि उससे पूछताछ में 26/11 के आतंकी हमलों में पाकिस्तान के सरकारी तत्वों की भूमिका भी उजागर हो सकती है. सूत्रों का कहना है कि जांचकर्ताओं को यह भी उम्मीद है कि पूछताछ में आतंकी हमलों से पहले तहव्वुर की उत्तर और दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों की यात्राओं के बारे में अहम सुराग मिलेंगे.

सूत्रों का कहना है कि आतंकी तहव्वुर राणा ने आतंकी हमलों से पहले 13 नवंबर से 21 नवंबर 2008 के बीच अपनी पत्नी समराज राणा अख्तर के साथ हापुड़ और आगरा के अलावा दिल्ली, कोच्चि, अहमदाबाद और मुंबई का दौरा किया था.

न्याय पाने की दिशा में अहम कदमः अमेरिका

तहव्वुर राणा के दिल्ली पहुंचने पर अमेरिका ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह प्रत्यर्पण इस बर्बर आतंकी हमले के पीड़ितों के लिए न्याय पाने की दिशा में एक अहम कदम है. यूएस न्याय विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका ने कल बुधवार को पाकिस्तान मूल के कनाडाई नागरिक राणा को मुंबई हमलों में उसकी कथित भूमिका से जुड़े 10 आपराधिक आरोपों पर केस चलाने के लिए भारत प्रत्यर्पित किया.

अमेरिकी न्याय विभाग के प्रवक्ता ने पीटीआई से कहा, “तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण उन 6 अमेरिकियों और कई अन्य पीड़ितों के लिए न्याय पाने की दिशा में एक अहम कदम है, जो इन बर्बर हमलों में मारे गए थे.” वहीं भारत के पूर्व गृह सचिव गोपाल कृष्ण पिल्लई ने उम्मीद जताते हुए कहा कि तहव्वुर राणा को निश्चित रूप से दोषी ठहराया जाएगा. उसे इस जघन्य आतंकीकृत्य में शामिल होने के लिए मौत की सजा भी दी जा सकती है.

दूसरी ओर, भारत में इजराइल के राजदूत रियुवेन अजार ने 64 साल के तहव्वुर राणा के भारत भेजे का स्वागत किया. नई दिल्ली स्थित इजराइली दूतावास ने वीडियो मीडिया से साझा किया, जिसमें राजदूत अजार ने कहा, “हम 26 नवंबर 2008 को मुंबई के बर्बर आतंकी हमलों के एक आरोपी के भारत प्रत्यर्पण किए जाने के बारे में सुनकर खुश हैं, जिसमें इजराइलियों समेत कई निर्दोष नागरिक मारे गए थे.” साथ ही उन्होंने आतंकवादियों को न्याय के कटघरे में लाने की प्रतिबद्धता के लिए” भारत सरकार का आभार भी जताया.

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