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15 दिन जेल में रही निकिता, अब मां और भाई को भी मिली जमानत; कोर्ट में दिया था ये तर्क

बेंगलुरु: एआई इंजीनियर और टेकी अतुल सुभाष की मौत मामले में गिरफ्तार पत्नी निकिता सिंघानिया, उनकी सास निशा सिंघानिया और साले अनुराग सिंघानिया को जमानत मिल गई है. बेंगलुरु के सिटी सिविल कोर्ट ने शनिवार को सभी आरोपियों को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया. अतुल सुभाष ने आत्महत्या से पहले रिकॉर्ड किए गए वीडियो और एक नोट में पत्नी और अपने ससुराल वालों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था.

इससे पहले, कर्नाटक हाईकोर्ट ने निचली अदालत को 4 जनवरी तक आरोपियों की जमानत याचिका का निपटारा करने का निर्देश दिया था.

सिटी सिविल कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद तीनों आरोपियों को सशर्त जमानत दे दी. हालांकि, रविवार को छुट्टी होने के कारण आरोपियों को सोमवार को बेंगलुरु की परप्पना अग्रहारा जेल से रिहा किया जाएगा.

सरकारी वकील ने जमानत याचिका का विरोध किया

अदालत ने अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया और निकिता के भाई अनुराग सिंघानिया द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की, जिन्हें बेंगलुरु पुलिस ने गिरफ्तार किया था. सरकारी वकील ने आरोपियों की जमानत याचिका का विरोध करते हुए जवाबी आवेदन दाखिल किया और दलील दी कि आरोपियों को जमानत नहीं दी जानी चाहिए.

अतुल सुभाष ने 9 दिसंबर को बेंगलुरु के मराठहल्ली पुलिस थाना की सीमा के अंतर्गत अपने फ्लैट में आत्महत्या कर ली थी. उन्होंने एक लंबा नोट लिखकर आरोप लगाया था कि उनकी पत्नी और ससुराल के लोग उन्हें परेशान कर रहे हैं. यह मामला पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया था, जब मौत से पहले बनाया गया उनका एक वीडियो सामने आया.

पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 108 के तहत मामला दर्ज किया और 20 दिसंबर को हरियाणा के गुरुग्राम में निकिता और उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के एक होटल में उसकी मां और भाई को गिरफ्तार कर लिया.

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