न पेट्रोल न डीजल, पानी से चलेगी… कॉलेज के कर्मचारी ने बनाया ‘वाटर ट्रेन’, क्या है खास?

यूपीएससी की तैयारी कर रहे बरेली के युवक ने पानी से चलने वाली ट्रेन तैयार की है। इस ट्रेन को तैयार करने में इस्लामिया गर्ल्स इंटर कॉलेज की तीन छात्राओं ने भी योगदान दिया है। यह ट्रेन तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। लोग युवक और तीनों छात्राओं की प्रशंसा कर रहे हैं।इस्लामिया गर्ल्स इंटर कॉलेज की कैंटीन संचालक के पुत्र गोपाल और कॉलेज की तीन छात्राओं लाएबा, काशिफा और यास्मीन ने पांच वर्षों की अथक मेहनत के बाद पर्यावरण अनुकूल तकनीक पर आधारित पानी से चलने वाली ट्रेन का निर्माण किया है।
इस ट्रेन का नाम इंडियन वाटर ट्रेन रखा है। गुरुवार को इस्लामिया कॉलेज में ही इस ट्रेन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। यूपीएससी की तैयारी कर रहे गोपाल ने बताया, यह मॉडल इंडियन लोकोमोटिव का लघु संस्करण है, जो केवल 250 मिलीलीटर पानी में 50 मीटर की दूरी तय करता है। यह प्रयास न केवल विज्ञान और नवाचार की दिशा में एक मील का पत्थर है, बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसे अभियानों को भी मजबूती प्रदान करता है।
बड़े इंजनों का भी हो सकता है पानी से संचालन
गोपाल का दावा है कि इस मॉडल की सफलता के बाद वे इंडियन रेलवे के बड़े इंजन जैसे कि डब्ल्यूएपी-1 और डब्ल्यूएपी-2 को भी पानी से संचालित करने की क्षमता रखते हैं। यदि यह प्रयोग सफल होता है तो इससे भारत सरकार को प्रति वर्ष लगभग 8,000 करोड़ रुपए की बचत हो सकती है। इस बचत से यात्रियों को बेहतर सुविधाएं कम कीमतों पर मिल सकेंगी। इस नवाचार के पेटेंट की प्रक्रिया चल रही है। पेटेंट प्राप्त होते ही टीम बड़े स्तर पर अनुसंधान एवं विकास को आगे बढ़ाएगी।