लापता स्वास्थ्य कर्मी ने जिला अस्पताल में किया 16 लाख गबन, बहनोई बोला- गलत आरोप मढ़ा जा रहा

रोगी कल्याण समिति के खाते में जमा होने वाली रकम 16 लाख रुपये का गबन कर वार्ड बॉय विनय यादव भाग गया। मां ने 19 मार्च को बेटे की गुमशुदगी दर्ज कराई तो सीएमएस ने बैंक खाते की जांच कराई। इसके बाद फर्जीवाड़े का पता चला। गुरुवार को सीएमएस ने तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की है।
शहर के जुराखनखेड़ा मोहल्ला निवासी विनय यादव जिला अस्पताल में वार्ड बॉय के पद पर करीब आठ सालों से तैनात हैं। पिता रामधूप यादव की मौत के बाद नौकरी पाई थी। मौजूदा समय में वह ट्रेजरी संबंधी सभी कार्य देखने के साथ मेडिकल का भी काम देख रहा था। 18 मार्च को वह घर से अस्पताल ड्यूटी पर जाने के लिए निकला था, लेकिन वहां नहीं पहुंचा। 19 फरवरी को मां फूलकेश ने सदर कोतवाली में बेटे की गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। इधर, वित्तीय वर्ष समाप्त होने से सीएमएस को दवा कंपनी के साथ अन्य भुगतान करने थे। इसके चलते बुधवार को उन्होंने कर्मचारियों को चेक लगाने बैंक भेजा। पता चला कि अस्पताल के उस खाते में पर्याप्त रुपये ही नहीं हैं।विज्ञापन
अस्पताल सूत्रों की माने तो अप्रैल 2024 के बाद से उस खाते कोई रुपये ही नहीं जमा हुए। उस खाते में पर्चा, ईसीजी, प्लास्टर, ऑपरेशन और मेडिकल फीस से आने वाला पैसा जमा कराया जाता है। लाखों रुपये का गबन का पता चलने पर सीएमएस डॉ. आरए मिर्जा ने गुरुवार दोपहर डॉक्टरों की बैठक बुलाई और पूरे मामले से अवगत कराया। इस दौरान एक घंटे तक ओपीडी भी बाधित रही। अस्पताल में साथ काम करने वाले कर्मचारियों ने बताया कि विनय नशे का लती होने के साथ सट्टा भी खेलता था। बताया जा रहा है कि वह मोहल्ले के भी कई लोगों से मोटी रकम ले रखी है।
सीएमएस डॉ. आरए मिर्जा ने बताया कि पर्चा काउंटर पर रसीद कटने के बाद पैसा विनय के पास जमा होता था। वहीं बैंक में जमा करने जाता था। जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित की गई है। इसमें डॉ. मनोज कुमार, डॉ. विवेक गुप्ता और डाॅ. संजीव कुमार शामिल हैं।
डिप्टी सीएम ने लिया संज्ञान, एडी ने सीएमएस मांगा स्पष्टीकरण
जिला अस्पताल में लाखों के गबन के मामले में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग के अपर निदेशक के माध्यम से सीएमएस से स्पष्टीकरण मांगा है। डिप्टी सीएम ने सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए यह जानकारी दी है। उन्होंने लिखा है कि जांच आख्या और स्पष्टीकरण मिलने पर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।