महाकुंभ: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संगम में डुबकी लगाई, अच्छी व्यवस्था के लिए सीएम योगी को सराहा
महाकुंभ नगर। दुनिया भर में धर्म-अध्यात्म का सबसे बड़ा केंद्र बने महाकुंभ की आभा देखकर भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी अभिभूत हो गए। महाकुंभ के 19वें दिन शनिवार को संगम की रेती पर करोड़ों श्रद्धालुओं के समागम का वह भी साक्षी बने।
पवित्र त्रिवेणी में पुण्य की डुबकी लगाकर बोले, उनका जीवन धन्य हो गया। जीवन में ऐसे शुभ अवसर बहुत कम ही प्राप्त होते हैं। कहा कि कभी कल्पना नहीं की थी कि भारतवर्ष में इस तरह का कभी कोई आयोजन होगा। बोले, दुनिया अचंभित हो जाएगी, यह जानकर कि अमेरिका की जितनी जनसंख्या है उतने लोग तो महाकुंभ में अब तक आ चुके हैं।
परिवार सहित संगम पहुंचे उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति धनखड़ पत्नी सुदेश धनखड़ व परिवार समेत शनिवार दोपहर लगभग एक बजे प्रयागराज के बमरौली एयरपोर्ट पर पहुंचे, जहां से हेलीकाप्टर से वह महाकुंभ नगर में डीपीएस हेलीपैड पर उतरे। यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंगवस्त्र ओढ़ाकर उनका स्वागत किया और उन्हें साथ लेकर क्रूज से संगम तक गए।
संगम पर पूरे परिवार ने आस्था की पवित्र डुबकी लगाई और तीर्थराज प्रयाग की जय और नमः पार्वति पतये हर-हर महादेव का जयकारा लगाया। वृंदावन के मुख्य पुजारी पुंडरीक गोस्वामी ने पूजन व आरती कराई। इससे पहले मिनी क्रूज पर यात्रा के दौरान उन्होंने कलरव कर रहे साइबेरियन पक्षियों को दाना भी डाला।
उपराष्ट्रपति ने परिवार के साथ किला में स्थित सरस्वती कूप, पवित्र अक्षयवट व बड़े हनुमान मंदिर का भी दर्शन किया और योगी आदित्यनाथ से इन स्थानों का महात्म्य भी जाना। इस दौरान औद्योगिक विकास मंत्री नन्दगोपाल गुप्ता नन्दी समेत उत्तर प्रदेश सरकार के विभिन्न मंत्री व शासन के उच्चाधिकारी मौजूद रहे।
सिर पर शिवलिंग रखकर लगाई आस्था की पवित्र डुबकी
उपराष्ट्रपति पावन संगम पहुंचे तो परिवार के साथ जलधारा में उतरे। उसी दौरान उनके स्टाफ ने उन्हें शिवलिंग दिया। उपराष्ट्रपति ने सिर पर शिवलिंग रखकर त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाई। इसके बाद उन्होंने त्रिवेणी और शिवलिंग की पूजा की।
ऐतिहासिक…आज तक पृथ्वी पर इतने करोड़ लोगों का संगम नहीं हुआ है। महाकुंभ में उत्कृष्ट व्यवस्था है। एक हादसा हुआ मगर अंदाजा लगाइए, कितने त्वरित गति से हर स्तर नियंत्रित किया गया। मुख्यमंत्री ने जो चमत्कारिक करिश्मा दिखाया है, वह दुनिया में इतिहास बन गया।
-उप राष्ट्रपति जयदीप धनखड़ (अक्षयवट गेट पर मीडिया से)