30 वर्षों से फरार खालिस्तानी आतंकी मंगत सिंह गिरफ्तार, एटीएस व गाजियाबाद पुलिस की संयुक्त टीम ने दबोचा

उत्तर प्रदेश एटीएस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. उसने बुधवार देर रात प्रतिबंधित आतंकी संगठन खालिस्तान कमाण्डो फोर्स (केसीए.) के आतंकी मंगत सिंह उर्फ मंगा को गिरफ्तार कर लिया है. बताया जा रहा है कि मंगा 30 साल से फरार था और उस पर 25 हजार रुपये का इनाम था. नोएडा यूनिट और गाजियाबाद पुलिस की संयुक्त टीम ने उसे गिरफ्तार किया है.
मंगत सिंह उर्फ मंगा इससे पहले मार्च 1993 में गिरफ्तार किया गया था. हालांकि दो साल बाद उसे जमानत मिल गई थी, जिसके बाद वो फरार हो गया था. 1995 से मंगा फरार चल रहा था. एटीएस के अनुसार मंगा पंजाब के खतदिया का रहने वाला है. वो पिछले काफी समय से गाजियाबाद के कविनगर में रह रहा था. इस आतंकवादी के खिलाफ हत्या, धमकी देना और आमजन में भय व्याप्त करने जैसे गंभीर मामलों के मुकदमे दर्ज हैं.
1995 में जमानत के बाद से था फरार
मंगा के खिलाफ गाजियाबाद के साहिबाबाद थाने में टाडा के तहत केस दर्ज था. उसे 1993 में टाडा समेत कई गंभीर धाराओं में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन 1995 में जमानत के बाद से फरार था. उसपर 307, 392, 411, 384 और 506 जैसी धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं. कोर्ट ने उसके खिलाफ स्थायी वारंट भी जारी किया था. कमिश्नरेट पुलिस ने मंगत सिंह उर्फ मंगा की गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था.
अमृतसर से हुई मंगत सिंह उर्फ मंगा की गिरफ्तारी
मंगत सिंह उर्फ मंगा का बड़ा भाई संगत सिंह प्रतिबंधित संगठन खालिस्तान कमांडो फोर्स (के.सी.एफ.) का चीफ था जो 1990 में पंजाब पुलिस के साथ मुठभेड़ में ढेर हो गया था. एटीएस को सूचना मिली थी कि मंगत सिंह अब अमृतसर के टिम्मोवाल गांव में छिपा हुआ है. जिसके बाद नोएडा एटीएस और गाजियाबाद पुलिस की टीम ने उसे 23 अप्रैल 2025 को गिरफ्तार कर लिया. मंगत सिंह को अब गाजियाबाद लाकर आगे की कार्रवाई की जा रही है. मंगत सिंह सिंह की गिरफ्तारी बड़ी कामयाबी मानी जा रही है. पुलिस अब उससे कई मामलों में पूछताछ करेगी साथ ही कविनगर स्थित इसके मकान का भी निरीक्षण किया जाएगा.