जेवर एयरपोर्ट ने इन गांवों के 7000 किसान बनाये करोडपति
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ग्रेटर नोएडा के पास जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए हुए जमीन अधिग्रहण ने किसानों पर जमकर धन बरसाया है। इस अधिग्रहण के कारण 7 हजार किसानों को 8 हजार करोड़ से अधिक का मुआवजा बंट चुका है। इस पैसे ने किसानों के रहन-सहन को भी बदल दिया है और आज उनके घर भी आलीशान हो गए हैं, जिनमें सभी तरह की तमाम सुख-सुविधाएं हैं।
एयरपोर्ट के विस्तार के लिए अब तक दो चरणों में अधिग्रहीत की गई 2420 हेक्टेयर जमीन के एवज में इन किसानों को 8016 करोड़ रुपये मुआवजा बांटा जा चुका है। अब अगले चरण में 14 गांव के करीब 12 हजार किसानों से 2084 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण की तैयारी है।
जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि प्रथम चरण में 1334 हेक्टेयर जमीन पर विकसित हुए एयरपोर्ट के लिए करीब तीन हजार किसानों से 1239.14 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहीत हुई थी। इन किसानों को मुआवजे के तौर पर 3688.40 करोड़ रुपये दिए जा चुका हैं। पहली बार 2019 में मुआवजा वितरण हुआ था। यह किसान रोही, पारोही, दयानतपुर, रन्हैरा, बनवारी बांस, किशोरपुर गांव के हैं। वहीं, दूसरे चरण के लिए रन्हैरा, कुरैब, करौली बांगर, दयानतपुर, बीरमपुर व मुढ़रह गांव के चार हजार किसानों से 1181.2793 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहीत की गई है। जमीन का 4328 करोड़ रुपये किसानों को मुआवजा दिया जा चुका है। वहीं, 800 किसानों को भूमि पर हुए निर्माण (परि संपत्ति) का भी 305 करोड़ रुपये दिया जा चुका है।
एयरपोर्ट के लिए सबसे ज्यादा जमीन रोही गांव के किसानों की गई है। मुआवजे का पैसा मिलते ही इलाके के किसानों ने प्राधिकरण क्षेत्र के दूसरे जिलों में खेती के लिए जमीन खरीद ली है। जमीन देने वाले करीब 70 प्रतिशत किसानों द्वारा जमीन खरीदने की बात सामने आई है।
कार लेने वालों की संख्या बढ़ी : एयरपोर्ट में जमीन जाने के बाद मिले मुआवजे से किसानों ने खूब गाड़ियां खरीदी हैं। बताया जाता है कि रोही गांव के करीब 200 किसानों ने कार खरीदी हैं, इस गांव में 100 बुलेट खरीदी गई। किसानों का बुलेट के प्रति रुझान को देखते हुए कंपनी ने तो गांव में कैंप लगा दिया था। बुलेट की घर पर ही डिलीवरी दी थी। मुआवजा मिलने के बाद कुछ किसानों ने अपना बिजनेस शुरू किया है। किसी ने दुकान खोली तो कोई दूसरा व्यवसाय शुरू कर दिया है।
सेक्टर-10 के लिए तीन गांव की भूमि लेंगे
यमुना सिटी के सेक्टर-10 के लिए आकलपुर की 52.97 हेक्टेयर, म्याना की 204.62 हेक्टेयर व एक अन्य गांव की 48.45 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहीत की जा चुकी है। लेकिन किसानों को अभी तक मुआवजे का वितरण नहीं हुआ। इस सेक्टर में प्राधिकरण के पांच औद्योगिक पार्क प्रस्तावित हैं, इसके अलावा सेमीकंडक्टर की कई यूनिट के लिए सेक्टर में जमीन दी जा चुकी है।
बच्चू सिंह, एडीएम एलए ने कहा, ”एयरपोर्ट से प्रभावित दोनों चरण के किसानों को मुआवजे का वितरण किया जा चुका है। प्रशासन ने शेष अधिसूचित भूमि को अधिग्रहण करने की तैयारी कर ली हैं वहीं जिन्हें भूमि का अबतक मुआवजा नहीं मिला उनकी सूची तैयार हो रही है।”