उत्तर प्रदेशराज्‍य

महाकुंभ में एक नाविक परिवार ने कमाएं 30 करोड़, विधानसभा में CM योगी ने बताया यूपी को हुआ कितना फायदा

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा बजट सत्र के दौरान अपने भाषण में सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक चौंकाने वाला एक तथ्य प्रदेशवासियों के साथ साझा किया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने बताया कि प्रयागराज महाकुंभ मेला के दौरान एक नाविक परिवार ने 30 करोड़ रुपये कमाएं हैं। उन्होंने समाजवादी पार्टी को नाविकों के शोषण वाले आरोपों का करारा जवाब दिया। इसके बाद विधानसभा तालियों से गूंज उठा।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने बताया कि इस नाविक परिवार के पास 130 नौकाएं थी, 45 दिनों की अवधि में इन लोगों ने शुद्ध 30 करोड़ रुपये की बचत की है। एक नाव ने 45 दिन में प्रतिदिन 23 लाख रुपये की कमाई की है। प्रतिदिन 50 से 52 हजार रुपये एक नाव की कमाई थी। आगे सीएम योगी ने कहा कि 27 फरवरी को प्रयागराज गया था, फिर मां गंगा के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की। इसके बाद महाकुंभ के आयोजन को स्वच्छ बनाए रखने में योगदान दिया और कोई संक्रमण न फेलने देने वाले स्वाथ्यकर्मियों का सम्मान किया।

कर्मचारियों अधिकारियों का धन्यवाद दिया

इसके बाद नाविकों के साथ आयोजन था, उनके लिए भी पैकेज की घोषणा की गई। परिवहन और रेलवे के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी धन्यवाद दिया, जिन्होंने श्रद्धालुओं को वहां तक पहुंचाया। सुरक्षा और व्यवस्था संभालने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ भी कार्यक्रम किया। इस दौरान साथ में दोनों डिप्टी सीएम भी मौजूद थे।

महाकुंभ आयोजन पर 7.5 हजार करोड़ खर्च

सीएम योगी ने कहा कि सरकार ने इस आयोजन से जुड़कर 7.5 हजार करोड़ रुपये खर्च किए थे। यह खर्च सिर्फ कुंभ के लिए नहीं था, बल्कि प्रयागराज जैसी पौराणिक सिटी के सस्टेनेबल डेवलपमेंट की रूपरेखा तैयार करने का भी माध्यम था। प्रयागराज महाकुंभ के बहाने इस तरह का इंफ्रास्ट्रक्चर देने में हम सफल हुए। 200 से अधिक सड़कों का चौड़ीकरण हुआ, 14 फ्लाईओवर बने, 9 अंडर पास बनाए गए, 12 कॉरिडोर बने। बताया कि इस खर्च के साथ 3 लाख करोड़ का व्यापार हुआ।

श्रंग्वेरपुर में भगवान राम और निषाद राज की गले मिलती प्रतिमा स्थापित कर कॉरिडोर बनाया, जिस पर आप कब्जा करवा रहे थे और हमने कॉरिडोर बनवाकर त्रेतायुग की स्मृति को जीवंत करने का कार्य करवाया है। आपके लिए यह वोट बैंक था, हमारे लिए विरासत थी, बस अंतर यही है कि हम विरासत की बात कर रहे हैं, आस्था की बात कर रहे हैं इसलिए जनता हमारे साथ है।

45 दिन में एक भी घटना नहीं घटी

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जब हम लोग सामान्य बजट पर चर्चा में भाग ले रहे हैं तब प्रयागराज का महाकुंभ अपनी भव्यता, दिव्यता और अपनी विरासत को आने वाली पीढ़ी के लिए छोड़कर संपन्न हो चुका है। आप कानून व्यवस्था की बात कर रहे थे। 45 दिनों में 66 करोड़ 30 लाख से अधिक श्रद्धालु और पर्यटक देश और दुनिया से प्रयागराज आए।

66 करोड़ में से आप मान कर चलिए कि कम से कम आधी आबादी तो महिलाओं की रही होगी, क्योंकि महिलाएं ज्यादा धार्मिक होती है। एक भी छेड़खानी की घटना नहीं हुई, एक भी अपहरण की घटना नहीं, एक भी लूट की घटना नहीं, एक भी हत्या की घटना नहीं, एक भी ऐसा उदाहरण नहीं जो उत्तर प्रदेश को या भारत को या सनातन धर्मावलंबियों को कटघरे में खड़ा करता हो।

66 करोड़ लोग आ जाएं और सुरक्षित वापस अपने घरों को चले जाएं और वो खुशी-खुशी होकर जाएं। बहुत सारे लोग आना चाहते थे नहीं आ पाए, बहुत सारे लोगों को आने के लिए साधन नहीं मिल पाए, क्योंकि जो अनुमान था उससे कहीं ज्यादा श्रद्धालु वहां पहुंच रहे थे और उन स्थितियों में जो लोग नहीं आ पाए उनके मन में कसक थी की कुछ छूट गया, कुछ चूक हुई है, लेकिन जो आया, जिसने भी डुबकी लगाई, आस्था की डुबकी में जो भी आया अभिभूत होकर गया। यह भारत की विरासत का ऐसा अनुपम उदाहरण है कि इसके बारे में शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकते।

विदेशी मीडिया भी महाकुंभ को देखकर अभिभूत

सीएम योगी ने कहा कि अक्सर हम देखते हैं कि भारत के बारे में विदेशी मीडिया बहुत नकारात्मक टिप्पणी करता है। विदेशी मीडिया ने इस बार महाकुंभ के बारे में जो टिप्पणी की है उसे जानना चाहिए। वॉल स्ट्रीट जनरल ने लिखा कि यह एक ऐसा आयोजन था जहां अमेरिका की कुल आबादी से ज्यादा लोग जुटे। बीबीसी ने लिखा, महाकुंभ मानवता का सबसे बड़ा समागम था।

एक्सप्रेस ट्रिब्यून कहता है कि यह विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक समारोह रहा। द न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा कि इस महाआयोजन में न केवल श्रद्धालु और पर्यटक, बल्कि नेता और हस्तियां भी पहुंची थीं। राइटर ने इसे डिजिटल कुम्भ बताया। इसमें व्यवस्था बनाने के लिए तकनीक का बेहतरीन इस्तेमाल किया गया था। गार्जियन ने कहा कि यह पर्वों का पर्व था, लोगों की उमंग और उत्साह चरम पर रहा।

सीएनएन ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समागम में 60 करोड़ से अधिक लोग शामिल हुए, यह आस्था की अभिव्यक्ति का शानदार नजारा है। यूनेस्को के डायरेक्टर टीम कर्टिस ने कहा कि यूनेस्को ने 2019 में कुंभ मेले को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की मान्यता दी। इससे पहले 1923 में इसके सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय प्रभावों की निगरानी की जा रही थी। उन्होंने कहा कि कुंभ मेला प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में विश्व को एक नई दृष्टि प्रदान करता है।

आर्थिक रूप से भी सफल रहा महाकुंभ

महाकुंभ में लगभग 3 लाख करोड़ से ज्यादा का व्यापार हुआ है। महाकुंभ 2025 प्रदेश की अर्थव्यवस्था को साढे तीन लाख करोड़ रुपये के लाभ का अनुमान है और प्रयागराज और आसपास के जनपदों को इसका प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हुआ है। भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वर ने भी कहा है कि महाकुंभ के कारण उपभोग खर्च में तेज बढ़ोतरी की उम्मीद है।

इससे चालू वित्त वर्ष में भारत को 6.5 की विकास दर हासिल करने में मदद मिलेगी। इस मामले में जो विभिन्न प्रकार के अनुमान लगाए गए हैं उसके अनुसार होटल उद्योग में 40000 करोड़ का, खाने-पीने और दैनिक उपयोग की चीजों में 33000 करोड़ का, परिवहन में 1.5 लाख करोड़ का, पूजन सामग्री में 20000 करोड़ का, दान आदि में 660 करोड़ का, टोल टैक्स में 300 करोड़ का और अन्य में लगभग 66000 करोड़ का कुल 3 लाख 960 करोड रुपए की आर्थिक समृद्धि प्रदेश को प्राप्त होने वाली है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button