पहले बीमा कराया, फिर कर दी हत्या; बीमार भाई से मुक्ति के लिए रची खौफनाक साजिश

संभल। बीमा क्लेम हड़पने वाले अंतरराज्यीय गिरोह की परतें धीरे खुल रहीं है, जिसमें अब तक 35 लोग जेल जा चुके हैं। अब इसमें हत्या जैसी जघन्य वारदात भी उजागर हो रही हैं। एक सप्ताह पूर्व चंदौसी पुलिस ने एक ऐसे ही मामले को उजागर किया था।
अब बहजोई पुलिस ने एक पर्दाफाश करते हुए बताया है कि सगे भाई ने युवक की पहले 95 लाख रुपये की चार बीमा पॉलिसी कराई और फिर उसके क्लेम को हड़पने के लिए उसकी हत्या कर दी और सड़क हादसे का रूप देते हुए बहजोई कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करा दी।
फिलहाल, हत्याकांड में शामिल आरोपी भाई के अलावा एक अधिवक्ता को भी गिरफ्तार किया है जो कि बीमा एजेंट है, इसके अलावा एक डाकिया भी अभी फरार है।
पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि अपर पुलिस अधीक्षक अनुकृति शर्मा के नेतृत्व में चल रही बीमारी के कार्रवाई के संबंध में पुलिस को यह सूचना मिली थी कि 20 जून 2024 को बदायूं जिले के कस्बा इस्लामनगर के मोहल्ला बमनपुरी के संजय कुमार पुत्र वीरेंद्र सिंह की मृत्यु हुई थी, जिसके सड़क हादसा बताया गया।
करीब 15 दिन के बाद उसके भाई नवीन कुमार ने बहजोई कोतवाली में यह रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 20 जून 2024 को जब वह अपने भाई को ई रिक्शा के जरिए इस्लामनगर से बहजोई उपचार के लिए ला रहे थे। तभी उन्हें अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी थी, जिससे उनकी मृत्यु हो गई।
बहजोई पुलिस को किसी ने सूचना दी कि यह मृत्यु संदेह के घेरे में है और जिसकी हत्या करके उसके नाम पर बीमा के लिए हड़पने की साजिश की है। पुलिस ने शुरुआती जांच की तो पता लगा कि जिस वक्त घटना हुई थी, उस दौरान पुलिस को पंचनामा भरने के दौरान भाई के द्वारा ई-रिक्शा से गिरकर उसकी मृत्यु बताई गई थी और बाद में रिपोर्ट दर्ज कराई गई तो उसमें अज्ञात वाहन से टक्कर बताई गई।
इसी के आधार पर उसके भाई नवीन कुमार को पुलिस ने हिरासत में लिया और पूछताछ की जिसके बाद उसने राज उजागर किया, जिसके द्वारा बताया गया कि एक अधिवक्ता अखिलेश कुमार निवासी इस्लामनगर जो की बीमा एजेंट भी है।
उन्होंने और एक अन्य साथी राजू निवासी इस्लामनगर ने उनके भाई की अलग-अलग कंपनियों से 95 लाख रुपये की बीमा पॉलिसी कराई थी, क्योंकि उनका भाई तलाकशुदा था और अकेला था, जिसके कोई संतान नहीं थी शराब पीने का आदी था और काफी दिनों से बीमार चल रहा था जैसे लकवा मार गया था।
नवीन ने यह भी बताया कि वह कर्ज में भी फंसा हुआ था और बीमा पॉलिसी के बाद क्लेम के लालच में आकर अन्य दो लोगों के कहने पर उसने उसके हत्या की योजना बनाई और उसे सड़क हादसे का रूप देने का षडयंत्र रच दिया। उनकी योजना के अनुसार पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की और उसे पर अंतिम रिपोर्ट भी लगा दी। इसके बाद बीमा कंपनियों से क्लेम भी मांगा गया।
एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी से चार अप्रैल 2025 को 20 लाख रुपये का क्लेम नवीन कुमार के खाते में भी आ गया जो कि बीमा क्लेम पॉलिसी में नॉमिनी के रूप में दर्ज था, जबकि अन्य तीन पॉलिसी जिसमें 10 लाख रुपये की टाटा एआईजी, निवा भोपा पालिसी 10 लाख रुपये की और आईसीआईसीआई लोंबार्ड 50 लाख रुपये की पॉलिसी भी शामिल थी।