अंतर्राष्ट्रीय

ट्रंप की ब्रिक्स देशों को खुली चुनौती-अगर ऐसा किया तो सौ फीसदी टैरिफ लगा दूंगा

वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से ब्रिक्स देशों को चेतावनी दी है। ट्रंप ने कहा कि ब्रिक्स देश अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अमेरिकी डॉलर की जगह अपनी मुद्रा लाने पर आगे बढ़े तो कड़े कदम उठाए जाएंगे। ट्रंप ने ब्रिक्स को धमकीभरे अंदाज में कहा कि अगर डॉलर की वैक्ल्पिक करेंसी लाई गई तो अमेरिका उनके निर्यात पर 100 फीसदी टैरिफ लगा देगा। ब्रिक्स देशों की ओर से डॉलर की जगह कोई दूसरा मुद्रा लाने का प्रस्ताव पेश करने के बाद से ट्रंप भड़के हुए हैं। ट्रंप चाहते हैं कि वैश्विक व्यापार में अमेरिकी डॉलर का दबदबा बना रहे, ऐसे में वह ब्रिक्स को कोई दूसरी मुद्रा ना लाने के लिए चेता रहे हैं।

डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर लिखा, यह सोचना गलत है कि ब्रिक्स देश डॉलर से दूर जाने की कोशिश करेंगे और हम खड़े देखते रहेंगे। ऐसा करने का वक्त अब खत्म हो गया है। हम इन देशों से प्रतिबद्धता चाहते हैं कि वे ना तो कोई नई ब्रिक्स मुद्रा बनाएंगे और ना ही डॉलर को बदलने के लिए किसी दूसरी मुद्रा का समर्थन करेंगे। अगर वे ऐसा करते हैं तो उनको 100 प्रतित टैरिफ का सामना करना पड़ेगा।’

‘अमेरिका का रास्ता आपके लिए बंद होगा’

ट्रंप ने आगे लिखा, ‘ब्रिक्स देश दूसरी करेंसी पर जाते हैं तो उनको अमेरिकी अर्थव्यवस्था बाहर होना पड़ेगा। ब्रिक्स के देश फिर किसी दूसरे देश की ओर रुख कर सकते हैं। इसकी कोई संभावना नहीं है कि ब्रिक्स अंतरराष्ट्रीय व्यापार या कहीं और अमेरिकी डॉलर की जगह किसी और मुद्रा को लाए। कोई भी देश जो कोशिश करेगा, उसे टैरिफ का सामना करना पड़ेगा और अमेरिका को अलविदा कहना पड़ेगा। उसे अमेरिका की जगह दूसरा देश अपने प्रोडक्ट के लिए ढूंढ़ना होगा।’

ब्रिक्स के देश कुछ समय से अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने के तरीकों पर चर्चा कर रहे हैं। अभी ब्रिक्स की कोई मुद्रा नहीं है लेकिन इसके सदस्य गुट की किसी साझा मुद्रा में व्यापार को बढ़ावा देने पर विचार कर रहे हैं। इस पर ट्रंप भड़के हुए हैं। ब्रिक्स को लेकर अमेरिका इसलिए भी चिंतित है क्योंकि इस गुट की ताकत बीते कुछ समय में बढ़ी है।

ब्रिक्स में शुरू में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका थे। हाल के वर्षों में ब्रिक्स का विस्तार हुआ है। इस गुट में अब मिस्र, इथियोपिया, इंडोनेशिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देश भी शामिल हो गए हैं। बीते साल 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने खुले तौर पर डॉलर के इस्तेमाल को कम करने का आह्वान किया था। इससे डोनाल्ड ट्रंप और अमेरिका फिक्रमंद हैं।

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