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पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की 60 लाख की संपत्ति जब्त, ED की बड़ी कार्रवाई; मुंबई में फ्लैट खरीदने से जुड़ा मामला

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति को झटका लगा है. फिलहाल जेल में बंद गायत्री प्रजापति के रिश्तेदार की संपत्ति कुर्क की गई है. यह जानकारी  प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), लखनऊ क्षेत्रीय कार्यालय ने दी.

ईडी के अनुसार धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के प्रावधानों के तहत अनिल कुमार प्रजापति, पुत्र गायत्री प्रसाद प्रजापति की चल संपत्ति को अनंतिम रूप से कुर्क किया है. एक बयान में कहा गया कि बालाजी कॉरपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड के बैंक खाते में जमा 60 लाख रुपये की यह चल संपत्ति बिल्डर मेसर्स बालाजी कॉरपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा मुंबई के वडाला में प्रोजेक्ट “वर्टू” में एक फ्लैट की बुकिंग धनराशि थी.

बताया गया कि ईडी ने यूपी लोकायुक्त की सिफारिश के आधार पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने और आपराधिक कदाचार करने के कृत्य के लिए यूपी सतर्कता अधिष्ठान, लखनऊ द्वारा यूपी के पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की.

बयान के मुताबिक ईडी की जांच में पता चला है कि गायत्री प्रसाद प्रजापति ने उत्तर प्रदेश के खनन मंत्री के पद पर रहते हुए अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और अपने परिवार के सदस्यों और अन्य करीबी सहयोगियों/मित्रों के नाम पर आय के स्रोत से अधिक संपत्ति अर्जित की.

आरोप है कि गायत्री प्रसाद प्रजापति और उनके परिवार के सदस्यों ने उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान अर्जित अवैध धन को विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से कई फर्जी और दिखावटी लेन-देन के माध्यम से लूटा और कई संपत्तियां अर्जित कीं.

बयान में कहा गया कि उन्होंने अपने अवैध लाभ के लिए अर्जित अवैध नकदी को जमा करने के लिए अपने परिवार के सदस्यों के बैंक खातों का भी इस्तेमाल किया. इससे पहले, ईडी ने गायत्री प्रजापति के परिवार के सदस्यों, विभिन्न कानूनी संस्थाओं, बेनामी धारकों, रिश्तेदारों, कर्मचारियों और मित्रों के नाम पर अर्जित भूमि/भवन और बैंक खाते में जमा राशि के रूप में 71 अचल संपत्तियों को जब्त किया था, जिनकी कुल कीमत 50.37 करोड़ रुपये थी.

ईडी ने इस मामले में पहले उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और दिल्ली में 13 स्थानों पर तलाशी ली थी. तलाशी के दौरान महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले, जिसके आधार पर संपत्ति को कुर्क किया गया. अब तक कुर्क की गई संपत्तियों की कुल कीमत लगभग 50.97 करोड़ रुपये है. आगे की जांच जारी है.

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