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फॉरेस्‍ट की टीम ने चिकन सेंटर पर मारा छापा, पिंजरे में रखे मिले दर्जनों तोते; मच गया हड़कंप

रुड़की: हरिद्वार जिले के रुड़की शहर में वन विभाग की टीम द्वारा एक बड़ी कार्रवाई की गई है. वन विभाग की टीम ने रुड़की में पिंजरों में बंद बेजुबान प्रतिबंधित पक्षियों को कब्जे में लिया है. साथ ही शहर में इन पक्षियों का कारोबार करने वाले दो लोगों को भी वन विभाग की टीम अपने साथ ले गई. टीम द्वारा दोनों कारोबारियों से बंद कमरे में लंबी पूछताछ की गई. टीम को आशंका है कि इस कारोबार में अन्य लोग भी जुड़े हो सकते हैं.

पिंजरे में बंद मिले प्रतिबंधित पक्षी: दरअसल रुड़की शहर के मछली मोहल्ले में पिछले काफी समय से प्रतिबंधित बेजुबान पक्षियों को पिंजरे में बंद करके कड़ाके की धूप में छत पर रखा गया था. बताया गया है कि पक्षियों में तोते शामिल हैं. इसी बीच वन विभाग के वन दारोगा आशुतोष को सूचना मिली कि मछली मोहल्ला में बिल्डिंग की छत पर बड़ी संख्या में प्रतिबंधित पक्षियों को पिंजरे में बंद कर छुपाकर रखा गया है.

कड़ी धूप में छत पर रखे थे पिंजरे: इस सूचना पर तत्काल वन दारोगा आशुतोष टीम के साथ मौके पर पहुंचे. छत पर पहुंचकर देखा तो उनके होश उड़ गए. उन्होंने देखा कि बड़ी संख्या में प्रतिबंधित पक्षियों को पिंजरों में कैद किया हुआ था. इसके बाद उन्होंने सभी पिंजरों को कब्जे में ले लिया. इसी के साथ दो कारोबारियों को भी हिरासत में लिया गया. इसके बाद विभाग की टीम उन्हें अपने कार्यालय ले गई. वहां पर हिरासत में लिए गए दोनों लोगों से वन विभाग की टीम ने कई घंटे तक पूछताछ की. टीम जानकारी जुटा रही है कि ये तोते कहां से लाए जाते थे. इनको कहां-कहां पर बेचा जाता था. इस दौरान मौके पर लोगों की भारी भीड़ जमा रही. उधर इस छापामार कार्रवाई से अन्य दुकानदारों में हड़कंप मचा रहा.

वन विभाग के रेंजर विनय राठी ने बताया कि हिरासत में लिए गए दोनों कारोबारियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में केस दर्ज कराया गया है, जिसके बाद दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

वन कर्मियों ने पक्षियों को कब्जे में लिया: वन विभाग के उप प्रभागीय वनाधिकारी सुनील दत्त बलोनी ने बताया कि-

बड़ी संख्या में प्रतिबंधित पक्षी पिंजरों में बंद मिले हैं. पक्षियों को पिंजरे समेत कब्जे में लिया गया है. जानकारी जुटाई जा रही है कि ये पक्षी इनके पास कहां से लाए जाते थे. ये लोग इन्हें कहां पर बेचते थे. इसके अलावा अन्य जानकारियां भी जुटाई जा रही हैं, जिसके बाद प्रतिबंधित वन्य जीव पक्षी की धारा के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी.
-सुनील दत्त बलोनी, उप प्रभागीय वनाधिकारी-

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