लखनऊ: संपत्ति विवाद में छह लोगों की हत्या करने वाले दंपति को कोर्ट ने दी मौत की सजा
उत्तर प्रदेश के लखनऊ में बंथरा थाना क्षेत्र में दो बच्चों समेत अपने परिवार के छह सदस्यों की हत्या के मामले में यहां की एक विशेष अदालत ने एक दंपत्ति को मौत की सजा सुनाई है। अजय सिंह और रूपा सिंह को मौत की सजा सुनाते हुए अदालत ने कहा कि सजा का क्रियान्वयन उच्च न्यायालय द्वारा पुष्टि के अधीन है। आरोपी का बेटा नाबालिग पाया गया और उसका मामला किशोर न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया।
16 जनवरी को फैसला सुनाते हुए विशेष न्यायाधीश रोहित सिंह ने मामले को “असाधारण” और निर्मम हत्या का “दुर्लभतम” मामला बताया और इस बात पर जोर दिया कि अपराध संपत्ति विवाद से प्रेरित था और अत्यधिक क्रूरता के साथ अंजाम दिया गया।
सजा सुनाते हुए जज ने क्या कहा?
न्यायाधीश ने कहा, “आसपास के क्षेत्र में भय और आतंक पैदा करने की इच्छा से हत्या करना, ताकि कोई भी आरोपी का विरोध करने की हिम्मत न करे, सामूहिक रूप से समाज की अंतरात्मा को इस तरह प्रभावित करता है कि एकमात्र उचित सजा मौत है।” 30 अप्रैल, 2020 को शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि उसके भाई अजय सिंह, उसकी पत्नी रूपा और बेटे ने उसके पिता अमर सिंह, मां राम दुलारी, भाई अरुण सिंह, भाभी राम सखी, भतीजे सौरभ और भतीजी सारिका की कुल्हाड़ी और बंदूक से हत्या करने की साजिश रची।
दोषियों पर एक लाख का जुर्माना
शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि आरोप है कि अजय सिंह ने अपने पिता से पैसे मांगे थे, क्योंकि उसे डर था कि पारिवारिक संपत्ति बेचकर उससे मिलने वाला पैसा उसके छोटे भाई अरुण को दे दिया जाएगा। मामले की सुनवाई के दौरान गवाहों ने गवाही दी कि अरुण सिंह के सिर में गोली मारी गई थी, जबकि उसकी पत्नी और बच्चों की हत्या कर दी गई थी। अदालत ने दोषियों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया और साजिश रचने के लिए 50,000 रुपये के अतिरिक्त जुर्माने के साथ आजीवन कारावास की सजा भी सुनाई। अजय सिंह को आर्म्स एक्ट के तहत तीन साल की सजा और 5,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।