16 मई को CAIT का राष्ट्रीय सम्मेलन, खुदरा व्यापार बचाने के लिए ई-कॉमर्स कंपनियों को बेनकाब करना लक्ष्य

देश के 140 लाख करोड़ रुपये से अधिक के सालाना खुदरा व्यापार पर कब्जा जमाने की ई-कॉमर्स और क्विक कॉमर्स कंपनियों की कोशिशों के खिलाफ कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) अब बड़ा मोर्चा खोलने जा रही है. संगठन ने घोषणा की है कि 16 मई को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जिसमें देश भर के 100 से अधिक प्रमुख व्यापारिक नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है. इस कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी मुख्य वक्ता के रूप में शिरकत कर सकती हैं.
कैट ने क्या कहा?
कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि इस सम्मेलन में सिर्फ ट्रेड लीडर्स ही नहीं, बल्कि स्वदेशी उत्पादों के समर्थक, परिवहन, लघु उद्योग, MSME, उपभोक्ता संगठन, महिला उद्यमी, किसान, स्टार्टअप्स, कर्मचारी और अन्य हितधारक भी भाग लेंगे. सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य उन ई-कॉमर्स कंपनियों के दुर्भावनापूर्ण एजेंडे को बेनकाब करना है, जो विदेशी फंडिंग के दम पर भारतीय खुदरा बाजार पर कब्जा करना चाहती हैं.
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने बताया कि ये कंपनियां अब तक मोबाइल, एफएमसीजी, इलेक्ट्रॉनिक्स, खिलौने, परिधान, खाद्य पदार्थ और होटल सेक्टर में गहरी पैठ बना चुकी हैं और भारतीय खुदरा व्यापार को भारी नुकसान पहुंचा चुकी हैं. उन्होंने कहा, “इन कंपनियों को सीधी चुनौती देने के लिए विभिन्न सेक्टरों के व्यापार और उद्योग प्रतिनिधि अब एक मंच पर आ रहे हैं.” भरतिया के अनुसार, अब समय आ गया है कि भारत के खुदरा व्यापार की अखंडता और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए इन कंपनियों की अनैतिक व्यापारिक प्रथाओं का डटकर विरोध किया जाए.
क्या है दावा?
कैट का दावा है कि वह देश भर में 90 मिलियन (9 करोड़) से अधिक छोटे व्यवसायों का प्रतिनिधित्व करता है. संगठन का कहना है कि सम्मेलन के दौरान तय की जाने वाली रणनीतियां देशव्यापी विरोध और जागरूकता अभियान की दिशा में एक निर्णायक कदम होंगी. सम्मेलन के बाद एक राष्ट्रीय आंदोलन की शुरुआत की जाएगी, जिसका लक्ष्य भारतीय बाजार की रक्षा करना और छोटे व्यापारियों के हितों को सुरक्षित करना होगा. कैट का यह सम्मेलन घरेलू व्यापारियों और स्वदेशी व्यापार मॉडल को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है.