UPSIDA CEO के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी, उपभोक्ता आयोग ने कानपुर पुलिस कमिश्नर को दिए आदेश
ग्रेटर नोएडा: उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के सीईओ मयूर माहेश्वरी के खिलाफ जिला उपभोक्ता आयोग ने अरेस्ट वारंट जारी किया है। यह आदेश उपभोक्ता आयोग के आदेश का क्रियान्वयन न होने पर सीईओ के खिलाफ जारी हुआ है। आयोग ने इसकी सुनवाई करते हुए कानपुर पुलिस कमिश्नर को सीईओ को आयोग के सामने पेश करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही सीईओ को जमानत के लिए 50 हजार रुपये का निजी तौर पर बेल बॉन्ड भरने का भी आदेश दिया है। इस मामले में अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी।
दिल्ली की पुष्पा आडवाणी को वर्ष 2001 में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने साइट सी में औद्योगिक भूखंड संख्या 77 आवंटित किया था। शिकायतकर्ता के अधिवक्ता प्रवेश नागर ने बताया कि समय से किस्तों का भुगतान न करने व अन्य कारण से उनका भूखंड का आवंटन कैंसिल कर दिया गया था। आवंटी ने इसके खिलाफ जिला उपभोक्ता फोरम में अपील की। 22 अक्टूबर 2003 में जिला उपभोक्ता फोरम ने आवंटी के पक्ष में फैसला देते हुए यूपीसीडा को बिना किसी शुल्क लिए कैंसिल भूखंड को दोबारा से आवंटित करने का आदेश दिया। इसके साथ प्राधिकरण पर 12 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। यूपीसीडा ने जिला उपभोक्ता फोरम के आदेश को राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में चुनौती दी।
राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने 3 जुलाई 2019 में जिला उपभोक्ता फोरम के आदेश को बरकरार रखा। यूपीसीडा ने इसके खिलाफ राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में अपील की। यूपीसीडा को यहां से भी निराशा मिली। अगस्त 2023 में राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने जिला उपभोक्ता फोरम के आदेश को बरकरार रखते हुए एक महीने में भूखंड पुनर्स्थापित करने और 12 हजार रुपये जुर्माना जमा कराने के आदेश दिए। लेकिन इस आदेश का क्रियान्वयन नहीं हुआ।
जनवरी 2024 में शिकायतकर्ता ने जिला उपभोक्ता आयोग में अपील की। आयोग ने इसकी सुनवाई करते हुए कानपुर पुलिस कमिश्नर को सीईओ को आयोग के सामने पेश करने का आदेश दिया है। सीईओ को जमानत के लिए 50 हजार रुपये का निजी तौर पर बेल बांड भरने का भी आदेश देते हुए अगली सुनवाई 28 फरवरी से पहले आयोग के सामने पेश होने को निर्देशित किया है।