नोएडा में करोड़पति अफसर की मौत के बाद संपत्ति की लड़ाई, ’30 साल की पत्नी और 45 साल की बेटी’ समेत 3 महिलाएं दौड़ीं
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नोएडा। सेवानिवृत्त दिवंगत आईएएस हरी शंकर मिश्रा की संपत्ति पर दावा करने वाली दोनों महिलाओं में तकरार बढ़ गई है। दोनों का दावा है कि वही असली पत्नी है। दोनों ने अब कोर्ट की शरण लेने का निर्णय लिया है। अनीता मिश्रा का कहना है कि उनसे धोखाधड़ी हो रही है। वह अब केस दर्ज करेंगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई के लिए कोर्ट जाएंगी।
अनीता मिश्रा का हो चुका तलाक
उधर, शिबा शिखा का कहना है कि वही हरी शंकर मिश्रा की असली पत्नी हैं। अनीता मिश्रा का तलाक हो चुका है। शीबा शिखा ने कहा कि नोएडा प्राधिकरण ने उनके नाम प्रॉपर्टी ट्रांसफर कर फिर उसे निरस्त किया। इसके लिए वह नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग करेंगी। प्राधिकरण में लगाए सभी दस्तावेज पूर्णत: सत्य है। यदि दोषी होती तो प्रापर्टी बेचकर चली जाती।
हरी शंकर की बेटी होने का कर रही दावा
उन्होंने हरी शंकर के साथ कोर्ट में मैरिज की, जिसके दस्तावेज प्राधिकरण में जमा है। वहीं, मंगलवार शाम 45 साल की एक महिला जो हरी शंकर की बेटी होने का दावा कर रही है, उसके दस्तावेज भी प्राधिकरण में जमा हुए। प्राधिकरण ने तीनों के दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी है। सभी के दस्तावेज को उनके मूल विभागों से सत्यापित कराया जा रहा है।
प्रॉपर्टी अपने नाम करने को किया आवेदन
बता दें कि सेवानिवृत्त दिवंगत आईएएस हरी शंकर मिश्रा की मौत इसी वर्ष 11 जुलाई को गाजियाबाद के एक निजी अस्पताल में लिवर की बीमारी से हुई थी। मौत के कुछ दिन बाद ही एक 30 साल की महिला शिबा शिखा ने हरी शकंर की पत्नी होने का दावा कर शादी का प्रमाणपत्र व डेथ सर्टिफिकेट लेकर प्राधिकरण में प्रॉपर्टी अपने नाम करने को आवेदन किया।
शादी का प्रमाण पत्र 2019 का
इस पर प्राधिकरण ने चार दिसंबर को सेक्टर-62 आरएन-14 की आवासीय भूखंड शिबा शिखा के नाम कर दिया। हालांकि, शिबा शिखा ने शादी का जो प्रमाण पत्र लगाया है, वह तीन जुलाई का है। यानी दिवंगत अधिकारी की मौत से ठीक आठ दिन पहले का है। इसी महिला का एक और शादी का प्रमाण पत्र 2019 का है।
सोमवार को एक महिला अनीता मिश्रा अपने भतीजे के साथ नोएडा प्राधिकरण पहुंची। उसने शादी के दस्तावेज व मृत्यु प्रमाण पत्र दिया। साथ ही बताया कि अधिकारी से उसको एक बेटा और एक बेटी है। उन्होंने बच्चों के आधार कार्ड व जन्म प्रमाण पत्र तक प्राधिकरण में जमा कराया।
इस पर प्राधिकरण की अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी वंदना त्रिपाठी ने सेवानिवृत्त दिवंगत आईएएस की सभी संपत्तियों के ट्रांसफर पर रोक लगा दी। मामले में रोचक मोड़ तब आया जब एक 45 साल की महिला ने प्राधिकरण में शिकायत दी कि वह सेवानिवृत्त आईएएस की बेटी है। उनकी मां कुशीनगर में रहती है।