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ऑनलाइन फ्रॉड होने के बाद नोएडा पुलिस ने पीड़ित को वापस कराए 1 करोड़ 55 लाख रुपये, जानिए कैसे मिलता है पैसा

नोएडा में ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार होकर 1.55 करोड़ रुपये गंवाने वाले एक व्यवसायी को नोएडा पुलिस की साइबर सेल की बदौलत दो महीने से भी कम समय में अपना पैसा वापस मिल गया।

पुलिस के अनुसार, साइबर अपराधियों ने ब्रिटेन के एक विक्रेता की जाली ईमेल आईडी बनाई और व्यवसायी को धोखा देकर 145,308.53 ब्रिटिश पाउंड (लगभग 1.55 करोड़ रुपये) एक बैंक खाते में ट्रांसफर कर लिए।

रिपोर्ट के अनुसार, जालसाजों ने व्यवसायी और विक्रेता के बीच ईमेल संचार को बाधित कर दिया और एक नकली ईमेल आईडी बनाई जो असली के जैसी ही थी। इसके बाद व्यवसायी को सामग्री भेजने का आश्वासन दिया और उसे भुगतान करने को कहा।

अधिकारियों ने कहा कि व्यवसायी ने किसी भी गड़बड़ी के शक के बिना 6 दिसंबर 2024 को जालसाजों के बताए अनुसार, उक्त बैंक खाते में रकम जमा कर दी। हालांकि, बाद में उन्हें असल विक्रेता से एक ईमेल मिला, जिसमें कहा गया था कि उन्हें कोई भुगतान प्राप्त नहीं हुआ है। ठगे जाने का अहसास होने पर व्यवसायी ने तुरंत नोएडा साइबर क्राइम पुलिस से मदद मांगी।

पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए जांच शुरू की, जिस बैंक में धोखाधड़ी वाला खाता रजिस्टर्ड था, उसका पता लगाकर संबंधित वित्तीय मध्यस्थों को शामिल किया। साइबर पुलिस ने आखिरकार लूटी गई रकम वापस हासिल की और उसे व्यवसायी को ट्रांसफर कर दिया।

इस बीच, नोएडा पुलिस ने आम नागरिकों को साइबर धोखाधड़ी से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव जारी किए हैं। पुलिस के अनुसार, फिशिंग एक आम साइबर अपराध है, जिसमें ठग फर्जी ईमेल, मैसेज या वेबसाइट के जरिये उपयोगकर्ताओं की संवेदनशील जानकारी चुराने की कोशिश करते हैं। इसे रोकने के लिए, उन्होंने लोगों से निम्नलिखित सावधानियां बरतने का आग्रह किया:-

– सेंडर की पुष्टि करें – किसी अज्ञात या संदिग्ध ईमेल पते से आए मेल पर भरोसा न करें।

– व्याकरण और वर्तनी की जांच करें – फिशिंग ईमेल में अक्सर गलतियां होती हैं।

– अचानक आने वाले अनुरोधों से सावधान रहें – अगर कोई ईमेल तुरंत पासवर्ड अपडेट, भुगतान या गोपनीय जानकारी मांग रहा है, तो सावधान रहें।

– संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें – किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से पहले, उस पर माउस घुमाएं और जांच लें कि वह असली वेबसाइट की ओर इशारा कर रहा है या नहीं।

– अटैचमेंट न खोलें – अगर स्रोत संदिग्ध है, तो अटैचमेंट को खोलने से बचें, क्योंकि उसमें मैलवेयर वायरस हो सकता है। नोएडा साइबर क्राइम पुलिस ने भी लोगों से अपील की है कि साइबर सुरक्षा जागरूकता ही इस तरह की धोखाधड़ी से सबसे बेहतर बचाव है।

– हमेशा सतर्क रहें, किसी भी ई-मेल पर जल्दबाजी में कार्रवाई न करें और सुरक्षा उपाय अपनाएं। अगर किसी को साइबर धोखाधड़ी का सामना करना पड़ता है, तो टोल-फ्री नंबर 1930 पर संपर्क करें, या (cybercrime.gov.in) पर जाकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

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