एनसीआरनोएडा

नोएडा में जांची जाएगी पुरानी बिल्डिंगों की मजबूती, कब से होगा स्ट्रक्चरल ऑडिट?

नोएडा में इस साल जुलाई के महीने से शहर की पुरानी इमारतों का स्ट्रक्चरल ऑडिट शुरू करने की तैयारी की जा रही है। इसको लेकर नोएडा अथॉरिटी ने प्राइवेट एजेंसियों को सलाहकार के तौर पर पैनल में शामिल करने के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (RPF) जारी कर दिया है। नोएडा अथॉरिटी के एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि किसी भी सोसाइटी की अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन (AOA) या फिर बिल्डर की ओर से स्ट्रक्चरल ऑडिट की मांग की जाती है, तो चयनित प्राइवेट एजेंसी को भेजा जाएगा।

एजेंसी की जांच के बाद पता चल सकेगा कि सोसाइटी की बिल्डिंगे कितनी ज्यादा मजबूत हैं। एजेंसी के ओर से जांच के रिपोर्ट अथॉरिटी की कमेटी को दी जाएगी, जो यह तय करेगी कि किस स्तर पर मरम्मत का काम करवाना होगा। अगर इमारतों की मरम्मत करवानी होगी, तो पैनल के प्राइवेट या सरकारी एजेंसी की ओर से काम कराया जाएगा।

स्ट्रॅक्चरल ऑडिट की लिए देना होगा खर्च

बता दें कि स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने के लिए जिस सोसाइटी के AOA या बिल्डर की ओर से आवेदन आएगा, उन्हें ऑडिट का खर्च भी भरना होगा। वहीं, अथॉरिटी के पैनल में शामिल होने के लिए प्राइवेट एजेंसियां को आवेदन करने के लिए 5 जून तक का समय दिया गया है। जानकारी के मुताबिक, पहले चरण में 10 एजेंसियों को पैनल में शामिल किया जाएगा।

बताया जा रहा है कि कई सोसाइटियों की ओर से स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने के लिए आवेदन आए हैं। इनमें सेक्टर-93 ए सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट और यूटोपिया रेजिडेंट, सेक्टर-107 ग्रेट वैल्यू शरणम, सेक्टर-78 सिक्का कार्मिक, सेक्टर-52 अंतरिक्ष नेचर और सेक्टर-121 होम्स सोसाइटी शामिल हैं।

कई सोसाइटियों से मिल रही शिकायतें

नोएडा में बहुत से पुरानी इमारतें ऐसी हैं, जिन्हें बने हुए करीब 15 साल हो चुके हैं। इसके चलते कई सोसाइटियों से शिकायतें आई भी आई हैं। इनमें ज्यादातर लोगों ने बताया कि सोसाइटी में बिल्डिंगों से प्लास्टर गिर रहे हैं। इसकी जांच के लिए सोसाइटी की ओर से आवेदन भी किए गए, लेकिन सरकारी एजेंसियों को सर्व के लिए समय नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में नोएडा अथॉरिटी ने प्राइवेट एजेंसियों को पैनल में शामिल करने का फैसला लिया है।

बता दें कि नवंबर 2022 में हुई बैठक में नोएडा अथॉरिटी की ओर से स्ट्रक्चरल ऑडिट पॉलिसी की नीति का प्रस्ताव रखा गया था, जिसे मंजूरी भी मिल गई थी। इसके बाद 8 सरकारी एजेंसियों को पैनल में शामिल किया गया। इनमें IIT कानपुर, IIT दिल्ली, BITS पिलानी, दिल्ली टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी, MNNIT इलाहाबाद, CBRI रुड़की और MNIT जयपुर शामिल हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button