‘महाभारत से भी भीषण होगा युद्ध…’ प्रेमानंद महाराज ने क्यों कही ये बात?

पहलगाम हमले के बाद भारत में स्थिति काफी तनावपूर्ण बनी हुई है। वहीं भारत ने इसका जवाब देते हुए आपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। पाकिस्तान में की गई इस कार्यवाही में 100 से ज्यादा आतंकियों के मारे जाने और 9 आतंकी ठिकानों के ध्वस्त होने की खबर सामने आई थी। इसी बीच सीमा पर दोनों देशों की ओर से फायरिंग की खबरें आ रही हैं, जिससे युद्ध की आशंका गहरा गई है। ऐसे माहौल में, आध्यात्मिक गुरु प्रेमानंद महाराज का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वह भविष्य में महाभारत से भी भयंकर युद्ध होने की बात कह रहे हैं।
वायरल हुआ पुराना वीडियो-
संत प्रेमानंद महाराज का यह वायरल वीडियो 22 जनवरी का बताया जा रहा है। भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा बढ़ते तनाव के दौरान यह वीडियो अचानक से चर्चा में आ गया है और लोग इसे खूब शेयर कर रहे हैं। प्रेमानंद महाराज के करोड़ों भक्त हैं और उनके सत्संग के वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बड़ी संख्या में देखे जाते हैं। उनके विचारों को सभी वर्गों के लोग पसंद करते हैं, और वह हमेशा लोगों को प्रभु का नाम जपने के लिए प्रेरित करते हैं। प्रेमानंद महाराज वृंदावन में रोजाना तड़के भक्तों को दर्शन देने के लिए पदयात्रा निकालते हैं, और उनके सादगीपूर्ण जीवन और गहरे आध्यात्मिक ज्ञान के कारण उन्हें बहुत सम्मान दिया जाता है।
‘महाभारत से भी भीषण होगा युद्ध’ – प्रेमानंद महाराज
भारतीय सेना की पीओके में कार्रवाई के बाद, सोशल मीडिया पर प्रेमानंद महाराज का एक पुराना वीडियो खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो में संत प्रेमानंद महाराज कहते हुए सुनाई दे रहे हैं, “अभी एक बार युद्ध होगा भयंकर, महाभारत से भी बढ़कर। काम, क्रोध, लोभ, मद, मत्सर अभी तो सब सोए हुए हैं। जैसे हम किसी के बंधन में पड़े हों, वो देख रहा है। बंधा पड़ा है तो अपनी ताकत थोड़े ही दिखाता है।”
प्रेमानंद महाराज आगे कहते हैं, “जब बंधन मुक्त होना चाहते हैं, तब वो अपनी ताकत दिखाएगा, तो अभी कोई काम क्रोध अपनी ताकत थोड़े ही दिखा रहे हैं। जहां मारा थप्पड़ वहीं गिरे पड़े वो अपनी ताकत क्या दिखावें। ताकत वो जब मारे और गिरो न फिर नाम जप करें, तब लगता है भगवान ही बचा सकते हैं, नहीं तो इतनी बुरी दशा हृदय की कर देते हैं। काम, क्रोध, लोभ मद, मत्सर ऐसा लगता है इतना गंदा तो हम पहले नहीं थे। तब उसपर विजय प्राप्त की जाती है। अभी तो बहुत प्रारंभिक स्थिति भी नहीं आई है।”