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EPFO ने बदल दिए ये दो नियम… मुश्किल काम हुआ आसान, फटाफट होगा अकाउंट ट्रांसफर!

नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने नौकरी बदलने पर पीएफ खाते को ट्रांसफर करने की प्रक्रिया को आसान बना दिया है. नए नियम के तहत पीएफ अकाउंट ट्रांसफर से जुड़े अधिकांश मामलों में नियोक्ता (कंपनी) से मंजूरी लेने की जरूरत को खत्म कर दिया गया है.

श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने 25 अप्रैल 2025 को एक आधिकारिक बयान में कहा कि अब तक पीएफ खातों का ट्रांसफर दो ईपीएफ कार्यालयों की भागीदारी से होता था- स्रोत कार्यालय, जहां से पीएफ राशि ट्रांसफर की जाती थी, और गंतव्य कार्यालय, जहां ट्रांसफर राशि जमा की जाती है.

बयान में कहा गया कि इस प्रक्रिया को और अधिक सरल बनाने के उद्देश्य से, ईपीएफओ ने संशोधित फॉर्म 13 सॉफ्टवेयर कार्यक्षमता शुरू करके गंतव्य कार्यालय में सभी ट्रांसफर दावों की मंजूरी की आवश्यकता को हटा दिया है. जब टांसफर दावा हस्तांतरणकर्ता (स्रोत) कार्यालय में स्वीकृत हो जाता है, तो पिछला खाता खुद से ट्रांसफरी (गंतव्य) कार्यालय में सदस्य के वर्तमान खाते में ट्रांसफर हो जाएगा, जिससे ईपीएफओ के सदस्यों के लिए प्रक्रिया को आसान बनाने का उद्देश्य पूरा होगा.

1.25 करोड़ सदस्यों को मिलेगा लाभ

श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के मुताबिक, यह संशोधित फॉर्म 13 पीएफ खाते के टैक्स योग्य और गैर-टैक्स योग्य घटकों का विभाजन भी प्रदान करता है, जिससे टैक्स योग्य पीएफ ब्याज पर टीडीएस की सटीक गणना की जा सकती है. इससे 1.25 करोड़ से अधिक सदस्यों को लाभ मिलने की उम्मीद है, जिससे प्रति वर्ष करीब 90 हजार करोड़ रुपये का ट्रांसफर हो सकेगा, क्योंकि पूरी हस्तांतरण प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी.

यूएएन बनाने के लिए आधार की जरूरत में ढील

इसके अलावा, ईपीएफओ ने सदस्यों के लिए यूएएन बनाने या पिछले खातों को जमा करने के लिए आधार की जरूरत में ढील देने का निर्णय लिया है. अब नियोक्ता कर्मचारी की आईडी और अन्य जानकारी के आधार पर कई कर्मचारियों का यूएएन एक साथ बना सकेंगे ताकि ऐसे सदस्यों के खातों में धनराशि को शीघ्रता से जमा किया जा सके.

इसके लिए एक सॉफ्टवेयर कार्यशीलता तैनात की गई है और उसे एफओ इंटरफेस के जरिये क्षेत्रीय कार्यालयों को उपलब्ध कराया गया है, जिससे ऐसे मामलों में यूएएन जनरेट करना संभव हो सकेगा और ईपीएफओ आवेदन में आधार की आवश्यकता के बिना पिछले खातों का लेखा-जोखा रखा जा सकेगा.

आधार से लिंक करने के बाद ही चालू होगा यूएएन

हालांकि, पीएफ खातों की सुरक्षा के लिए जोखिम कम करने के उपाय के रूप में, ऐसे सभी यूएएन को स्थिर अवस्था में रखा जाएगा और बाद में आधार के जुड़ने के बाद ही उन्हें चालू किया जाएगा.

बयान में कहा गया है कि इन सभी उपायों से ईपीएफओ मेंबर्स के लिए सेवाओं में उल्लेखनीय सुधार होने और लंबे समय से चली आ रही शिकायतों में कमी आने की उम्मीद है, जिसमें पात्र दावों के स्वतः निपटान के लिए सत्यापन को और अधिक सुव्यवस्थित करना भी शामिल है.

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