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पंजाब में नई आबकारी नीति को कैबिनेट की मंजूरी, 11,200 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य

चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है। कर एवं आबकारी विभाग का दावा है कि नए वित्त वर्ष में आबकारी नीति से सरकार को 11020 करोड़ रुपए की आमदनी होने का अनुमान है।

पिछले साल सरकार ने 10125 करोड़ रुपए का लक्ष्य निर्धारित किया था लेकिन 10200 करोड़ रुपए हासिल किए हैं। वित्त और आबकारी मंत्री हरपाल चीमा ने कैबिनेट की बैठक के बाद दावा किया कि नए साल में भी 11020 करोड़ रुपए का लक्ष्य हासिल किया जाएगा।

ई-टेंडरिंग के जरिए दिए जाएंगे ठेके

चीमा ने कहा कि इस बार ठेकों को ई-टेंडरिंग के जरिए दिया जाएगा जबकि पिछले साल ठेके लॉटरी के जरिए दिए गए थे। नई नीति में इस बदलाव को लेकर छोटे ठेकेदारों में रोष है। हालांकि, वे सार्वजनिक रूप से रोष नहीं जता रहे हैं।

लेकिन चीमा ने कहा कि उन्होंने एक एक ठेकेदार से कैबिनेट सब कमेटी में बात की है और सभी के बयानों को रिकॉर्ड किया है। किसी भी ठेकेदार के नाराज होने की बात सही नहीं है क्योंकि हमने सारा काम पारदर्शी ढंग से किया है।

नई आबकारी नीति में 207 ग्रुप बनाए गए हैं और हर ग्रुप का साइज 40 करोड़ रुपए रखा गया है। उन्होंने बताया कि यह क्षेत्रों का देखते हुए 25 प्रतिशत कम या ज्यादा किया जा सकता है। यानी अगर कहीं गहन आबादी है तो इसे बढ़ाया जा सकता है और कम है तो इसे घटाया जा सकता है।

बढ़ाए जाएंगे बीयर के ठेके

युवाओं का बीयर प्रेम देखते हुए इस साल सरकार ने बीयर के ठेकों को बढ़ाने का फैसला लिया है। साथ ही इनकी फीस में भी कमी कर दी है। पहले यह फीस दो लाख रुपए प्रति दुकान थी जिसे कम करके 25 हजार रुपए कर दिया गया है।

उन्होंने बताया कहा कि पिछले साल 35 ऐसी दुकानों से शुरुआत की गई थी लेकिन अब इनकी गिनती बढाई जाएगी।

इसके अलावा फार्म हाउस में शराब रखने के लाइसेंस में 12 बाेतलों से बढ़ाकर इसे 36 कर दिया है। शराब पर पर लगे गौ सैस को एक रुपए प्रति प्रूफ लीटर से बढ़ाकर 1.50 रुपए प्रति प्रूफ लीटर कर दिया है। उन्होंने बताया कि पहले यह 16 करोड़ रुपए एकत्रित होता था जिससे 24 करोड़ मिलेंगे।

नए आबकारी थाने स्थापित करने को मंजूरी

वित्तमंत्री हरपाल चीमा ने बताया कि पड़ोसी राज्यों से अवैध रूप से आने वाली शराब को रोकने के लिए सरकार नए आबकारी स्थापित करने जा रही है जिसे आज कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।

हमें यह कितने चाहिए, यह तय करने के लिए एक अंतर विभागीय कमेटी का गठन किया गया है जिसमें आबकारी विभाग के अलावा पुलिस और अन्य विभाग के अधिकारी भी लिए जाएंगे जो जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।

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