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देहरादून: उत्तराखंड में जनता की लंबित मांग और भावनाओं को देखते हुए धामी कैबिनेट की बैठक में सख्त भू-कानून को मंजूरी दे दी है। कानून को विधानसभा बजट सत्र के सदन के पटल पर रखा जाएगा। दरअसल, पिछले कुछ समय में प्रदेश में लैंड जिहाद का मुद्दा खासा गरमाया रहा है। एक वर्ग विशेष के लोगों की ओर से प्रदेश में जमीन खरीदे जाने के पैटर्न पर सवाल उठ रहे थे। इसको लेकर स्थानीय लोगों की ओर से बाहरी लोगों के प्रदेश में जमीन खरीद को नियंत्रित करने पर जोर दिया जा रहा था। अब धामी कैबिनेट ने इस संबंध में बड़ा फैसला ले लिया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर कैबिनेट में लिए गए इस फैसले की जानकारी पोस्ट की है। उत्तराखंड में भू-कानून की मांग लंबे समय से उठ रही है और तमाम संगठन इस मांग को लेकर आंदोलन भी कर रहे हैं। विधानसभा बजट सत्र शुरू होने के पहले दिन ही भू-कानून की मांग को लेकर भू-कानून संघर्ष समिति ने विधानसभा कूच किया था। वहीं, मंगलवार को घनसाली विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक भीमलाल आर्य ने भी विधानसभा गेट पर जबर्दस्त हंगामा किया था।
कैबिनेट बैठक में हुआ निर्णय
लंबे समय से उठ रही इस मांग को देखते हुए आज सत्र के दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कैबिनेट की बैठक बुलाई और सर्वसम्मति से सख्त भू-कानून को मंजूरी दे दी। धामी सरकार भू-कानून को और सख्त बनाने पर जोर दे रही है। भू-कानून के कैबिनेट में पास होने के बाद अब इसे बजट सत्र के दौरान विधानसभा सदन के पटल में पेश किया जाएगा।
कानून पारित होते ही लागू होंगे नियम
राज्य में इस भू-कानून के पारित होते ही भूमि खरीद से जुड़े नए नियम लागू हो जाएंगे। वहीं, उत्तराखंड में कैबिनेट से भू-कानून को मंजूरी मिलने को स्थानीय लोग अपनी बड़ी जीत मान रहे हैं। भू-कानून को मंजूरी मिलने के बाद वर्ष 2018 के सभी प्रावधान निरस्त हो जायेंगे। इसके साथ ही बाहरी व्यक्तियों की भूमि खरीद पर भी प्रतिबंध लग जायेगा। उत्तराखंड के 11 जिलों में अन्य राज्यों के लोग हॉर्टिकल्चर और एग्रीकल्चर की भूमि नहीं खरीद पायेंगे।