ममता कुलकर्णी का इस्तीफा नामंजूर: 2 दिन बाद फिर बनीं महामंडलेश्वर, Viedo जारी कर बताई वजह
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महाकुंभ नगर। फिल्मी दुनिया छोड़कर अध्यात्म की राह पकड़ने वाली श्रीयामाई ममतानंद गिरि (पूर्व का नाम ममता कुलकर्णी) ने अपना निर्णय बदल लिया है। उन्होंने महामंडलेश्वर बने रहने की घोषणा की है।
गुरुवार की शाम वीडियो संदेश जारी करके बताया- ‘दो दिन पहले मेरे पट्टागुरु डाॅ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के ऊपर कुछ लोगों ने गलत आक्षेप लगाए थे, उसकी वजह से मैंने महामंडलेश्वर की पदवी से इस्तीफा दे दिया था, जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया’।
ममता ने आगे कहा, ‘जो गुरु भेंट डाॅ. लक्ष्मी नारायण को दिया था, वह छत्र, चंवर, छड़ी और भंडारा के लिए था। मैं अपना जीवन किन्नर अखाड़ा और सनातन धर्म के लिए समर्पित करती हूं।’
ममता कुलकर्णी का वीडियो pic.twitter.com/mUz2RI0HxA
— Shivam Yadav (@Shivam28Y1) February 13, 2025
24 जनवरी को हुआ था ममता का पट्टाभिषेक
किन्नर अखाड़ा में बीती 24 जनवरी को ममता कुलकर्णी का महामंडलेश्वर पद पर पट्टाभिषेक हुआ था। अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर डा. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने उन्हें नया नाम श्रीयामाई ममतानंद गिरि दिया।
ममता के महामंडलेश्वर बनने का शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप, हिमांगी सखी सहित कई संतों ने मुखर विरोध किया। कहा कि उनका अंडरवर्ड से संबंध है। देशद्रोह का केस लगा है। ऐसे व्यक्ति को महामंडलेश्वर की उपाधि प्रदान करना अनुचित है।
इसके बाद हिमांगी सखी से मारपीट होने का मामला सामने आया। आरोप लगा कि लक्ष्मी नारायण के शिष्यों ने ममता कुलकर्णी का विरोध करने पर उन्हें पीटा है। इसके बाद 10 फरवरी की दोपहर ममता ने वीडियो संदेश जारी महामंडलेश्वर की पदवी छोड़ने की घोषणा की थी।