माथे पर टीका, गले में भगवा गमछा, हाथ में त्रिशूल… नाम मोहम्मद उमर! Barabanki पुलिस के हत्थे चढ़े 7 गौ तस्कर

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में रविवार को देर रात पुलिस की गोतस्करों से मुठभेड़ हो गई. जिसमें दो बदमाश गोली लगने से घायल हो गए हैं. कुल सात गोतस्करों को पुलिस ने गिरफ्तार किया. पुलिस ने जिन गोतस्करों को पकड़ा है वे सभी शातिर अपराधी हैं और गोतस्करी जैसे जघन्य अपराध को अंजाम देते रहे हैं. इन सभी का अलग-अलग थानों में लंबा अपराधिक इतिहास है. गिरफ्तार गोतस्करों में से एक बदमाश गले में भगवा गमछा, माथे पर टीका और हाथ में त्रिशूल लेकर जानवर लदी गाड़ी में आगे बैठता था. जिससे किसी को यह शक न हो कि वह लोग गोतस्करी जैसे संगीन अपराध को अंजाम दे रहे हैं.
बाराबंकी की सतरिख थाना पुलिस को रविवार देर रात डायल 112 पर सूचना मिली थी कि थाना ग्राम कमरपुर में गौरियाघाट रोड पर कुछ अज्ञात लोग वाहन लेकर जंगल के पास संदिग्ध हालात में घूम रहे हैं. सूचना मिलने पर तुरंत स्वाट व थाना सतरिख पुलिस टीम एक्टिव हुई और मौके पर दबिश देने पहुंची. पुलिस ने देखा कि वहां एक पेड़ से दो गोवंशी पशु बंधे हुए थे और पास में पिकअप वाहन तिरपाल से ढ़का हुआ खड़ा था. बाजू में एक बाइक भी खड़ी थी. बाइक पर लोहे का चापड़, चाकू, छुरी व जानवरों को बांधने वाली रस्सी रखी थी. पुलिस वहां पर वाहन मालिकों को तलाश कर रही थी.
जंगल में छिपे हुए गोतस्करों ने पुलिस टीम को देखकर गिरफ्तारी से बचने के लिए फायरिंग शुरू कर दी. जिसको देखते हुए पुलिस टीम ने भी जवाबी फायरिंग की. पुलिस की गोली लगने से सरवर, वाजिद अली और गुफरान घायल होकर गिर गए. जबकि बाकी तस्कर मौके से भागने लगे. पुलिस ने घेराबंदी करके मौके से भाग रहे पांच अन्य बदमाश मो. उमर उर्फ गुल्जारी निवासी लोधौरा, वाजिद अली मौजा केदारपुर थाना महमूदाबाद सीतापुर, अंकुल निवासी महमूदाबाद जनपद सीतापुर, इरफान निवासी सरैया थाना असन्द्रा, नवीजान निवासी बेलहरा थाना मोहम्मदपुर खाला और मो. अजीज निवासी बेलहरा थाना मोहम्मदपुर खाला को गिरफ्तार कर लिया.
मुठभेड़ में पकड़े गए सभी बदमाश शातिर गोतस्कर निकले. यह बदमाश लखनऊ, बाराबंकी और सीतापुर से संबंधित हैं. जिनके ऊपर विभिन्न थानों में कई मुकदमे दर्ज हैं. इसमें से मो. उमर नाम का गोतस्कर वेष बदलकर जानवरों से लदी गाड़ी में आगे बैठता था. वह गले में भगवा गमछा, माथे पर टीका और हाथ में त्रिशूल लिये रहता था. जिससे किसी को यह शक न हो कि गाड़ी में गोवंश हैं. वह लोग गोतस्करी जैसे किसी संगीन अपराध को अंजाम देने जा रहे हैं.