उत्तर प्रदेशराज्य

‘चर्च में प्रेयर करना अच्छा नहीं लगता…’ लेटर लिखकर घर से भागा लड़का, मां-बाप हिंदू से बन चुके हैं ईसाई

कानपुर में एक परिवार ने हिंदू धर्म छोड़कर ईसाई धर्म अपना लिया, इसके बाद परिवार के नाबालिग बेटे ने अपने माता-पिता का साथ छोड़ दिया और घर छोड़कर कहीं चला गया. यह घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है. नाबालिग खुद को नए धर्म की परंपराओं से असहज महसूस कर रहा था.

बताया जा रहा है कि नाबालिग माता पिता के इस कदम से नाराज था, इसलिए उसने ये परिवार से दूर जाने का फैसला किया. ये पूरा मामला कानपुर के सचेंडी थाना क्षेत्र के भौति गांव का है. यहां रहने वाले एक हिंदू परिवार ने ईसाई धर्म को अपना लिया है. यह बात 17 वर्षीय बड़े बेटे को नागवार लगी. परिवार के धर्मांतरण करने पर उसने नाराज होकर अपना घर परिवार छोड़ दिया.

नाबालिग ने लिखी चिट्ठी

घर छोड़ने से पहले नाबालिग ने परिवार को एक भावुक चिट्ठी लिखी. इसमें किशोर ने लिखा, “मम्मी पापा मुझे माफ करना, मैं इस धर्म में नहीं रह सकता और न ही मैं रह पाऊंगा. मुझे नहीं पता था कि आप लोगों के इस धर्म में आने के बाद मैं इतना बंध जाऊंगा. वरना मैं आप लोगों को कभी इस धर्म में आने नहीं देता.”

इस मामले में नाबालिग बच्चे के परिजनों ने पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई है. परिजनों से मिली तहरीर के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर तलाश शुरू कर दी है, लेकिन परिवार ने धर्म बदलने की बात को सिरे से नकार दिया है. माता- पिता ने कहा कि धर्म उन्होंने धर्म नहीं बदला है, बेटा अचानक कहीं चला गया है.

जब इस बाबत बेटे के द्वारा चिट्ठी में धर्म परिवर्तन की बात पूछी गई तो परिजन चुप हो गए. उनका कहना है कि हम सिर्फ सनातन धर्म को मानते हैं. हमने कोई धर्म नहीं बदला है और न ही हमारा बेटा ऐसा था जो वह घर छोड़कर चला जाए.

पुलिस ने क्या कहा?

इस पूरे प्रकरण में सचेंडी थाना प्रभारी दिनेश कुमार ने बताया कि जिस दिन बच्चा घर छोड़कर गया था. उस दिन जांच के दौरान परिजनों ने सिर्फ उसके गुम होने की बात बताई थी, लेकिन दूसरे दिन बच्चे की मां ने बताया कि घर में एक चिट्ठी भी मिली है. जिसमें घर छोड़कर जाने की वजह लिखी है.

इसके बाद जब सचेंडी थाना प्रभारी ने कहा कि बच्चे की मां ने बताया कि उसने अपने पति के साथ तीन महीने पहले धर्म परिवर्तित किया था. वह बच्चे को उसी धर्म के अनुसार पूजा करने के लिए कहते थे, लेकिन उसका मन नहीं लगता था. उन्होंने कहा कि बच्चे की मां के जरिये उपलब्ध कराई गई चिट्ठी से साफ है कि बच्चा धर्म परिवर्तन से न खुश था.

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