‘कर्मचारियों को 25 प्रतिशत DA दिया जाए’, सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार से कहा

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल की सरकार को महंगाई भत्ता देने का आदेश दिया है। अदालत ने ममता सरकार को तीन महीने के भीतर 25% का महंगाई भत्ता अदा करने के लिए कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई अब अगस्त में की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट में 2 जजों की बेंच जस्टिस संजय करोल और संदीप मेहता ने ममता सरकार को आदेश दिया है कि सरकारी कर्मचारियों का 25 प्रतिशत बकाया महंगाई भत्ता 3 महीने के भीतर दे दिया जाए।
अमित मालवीय ने की सराहना
बीजेपी के प्रवक्ता अमित मालवीय ने सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश की सराहना की है। एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए उन्होंने लिखा कि यह पश्चिम बंगाल के सरकारी कर्मचारियों की बड़ी जीत है। लंबे समय की कानूनी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह ऐतिहासिक आदेश दिया है। महंगाई भत्ता रोकने के लिए राज्य सरकार 17 बार स्थगन प्रस्ताव ला चुकी है।
2022 में कोलकाता हाईकोर्ट ने सुनाया था फैसला
बता दें कि पश्चिम बंगाल के सरकारी कर्मचारी लंबे समय से मंहगाई भत्ते की मांग कर रहे हैं। 2022 में कोलकाता हाईकोर्ट ने बंगाल सरकार को केंद्र की तर्ज पर महंगाई भत्ता देने का आदेश दिया था। बंगाल सरकार ने नवंबर 2022 में इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। राज्य सरकार का कहना था कि वो केंद्र सरकार के जितना महंगाई भत्ता नहीं दे सकती है।
केंद्र सरकार देती है 55% का महंगाई भत्ता
केंद्र सरकार सभी कर्मचारियों को 55 प्रतिशत का महंगाई भत्ता दे रही है। वहीं बंगाल सरकार ने 1 अप्रैल 2025 को महंगाई भत्ता 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया था। हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट ने इसे 25% तक करने का आदेश दिया है।