
नोएडा. दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के औद्योगिक शहर गौतम बुद्ध नगर में जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में फ्लैट की रजिस्ट्री में देरी को लेकर 95 बिल्डरों को नोटिस जारी करते हुए तलब किया है. इस सिलसिले में जिला प्रशासन ने एक बैठक बुलाई है जिसमें फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं होने की शिकायत करने वाले खरीदारों को भी बुलाया गया है. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित अमिताभ कांत समिति की सिफारिशें लागू होने के बावजूद कई बिल्डर खरीदारों को उनके फ्लैट का कब्जा तो दे रहे हैं लेकिन फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं हुई है. नोएडा और ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में लगभग दो लाख खरीदारों को फ्लैट का कब्जा मिल चुका है, लेकिन अब तक केवल 18 हजार फ्लैट की ही रजिस्ट्री हो पाई है.
सालों से चक्कर काट रहे घर खरीदार
कई खरीदार करीब एक दशक से इंतजार कर रहे हैं और बिल्डरों के कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें केवल आश्वासन ही दिया जा रहा है. इस बारे में पूछे जाने पर सहायक पुलिस महानिदेशक बृजेश कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि बिल्डर जानबूझकर रजिस्ट्री में देरी कर रहे हैं. इस संबंध में नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना विकास प्राधिकरण क्षेत्र के लगभग 95 बिल्डरों को नोटिस जारी किया गया हैं.
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा आयोजित बैठक में बिल्डरों को खरीदारों के सवालों का जवाब देना होगा. उनके अनुसार, अगर कोई बिल्डर बैठक में शामिल नहीं होता है, तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
इससे पहले नोएडा में इस मुद्दे को लेकर सेक्टर 79 स्थित महागुन मीराबेला में घर खरीदारों ने अपने फ्लैट्स की रजिस्ट्री के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा चुका है. दरअसल, इन घर खरीदारों की रजिस्ट्री 6 सालों पेंडिंग है. इस मामले में जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता और अनीश कुमार गुप्ता की हाईकोर्ट बेंच ने उत्तर प्रदेश सरकार, नोएडा अथॉरिटी, प्रोजेक्ट के डेवलपर और गोल्फग्रीन इंफ्रा को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.