पाकिस्तान की ओर बढ़ रहे हैं 15 हजार तालिबानी लड़ाके, क्या छिड़ेगी जंग? एयरस्ट्राइक के बाद बढ़ा तनाव
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काबुल: अफगानिस्तान में तख्ता पलट होने के बाद पाकिस्तान पहला देश था, जिसने 2021 में तालिबान को मान्यता देने की वकालत की थी. हालांकि, अब हालात बदल गए हैं. दरअसल, पाकिस्तान की वायु सेना ने बीते मंगलवार अफगानिस्तान की सीमा में घुसकर तहरीक-ए-तालिबान पर हमले किए, जिसको लेकर तालिबान में एग्रेसिव मूड में हैं.
ऐसा लगता है जैसे कि तालिबान अब पाकिस्तान को बख्शने के मूड में नहीं है. वह अब उसी पाकिस्तान के हाथ काटने को तैयार है, जिसने उन्हें खाना-पीना और पाला है. पाकिस्तान हवाई सेना द्वारा किए गए हमले से तालिबान भड़क गया और अब उसने पाकिस्तान से बदला लेने के लिए 15,000 लड़ाके भेजे हैं.
15,000 लड़ाके कर रहे मार्च
दूसरी ओर अफगानिस्तान ने काबुल में पाकिस्तान दूतावास के प्रभारी को तलब किया और कड़ा विरोध दर्ज कराया. नाराज तालिबान ने घोषणा की कि उसके 15,000 लड़ाके खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में मीरा अली सीमा की ओर मार्च कर रहे हैं.
बता दें कि मंगलवार को पाकिस्तान के वायुसेना हमले में अफगानिस्तान में 46 लोग मारे गए थे. पाकिस्तान ने ये हमले पक्तिका प्रांत में सशस्त्र समूह पर किए थे. वहीं, तालिबान सरकार ने पाकिस्तान पर आम लोगों को निशाना बनाने और हत्या करने का आरोप लगाते हुए इस हमले का करारा जवाब देने की धमकी दी थी.
पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच टेंशन
इस बीच मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान सरकार ने पाकिस्तानी सीमा की ओर टैंक और दूसरे खतरनाक हथियारों की तैनाती बढ़ा दी है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता नजर आ रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि बार्डर पर हथियारों की तैनाती अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री मुहम्मद याकूब मुजाहिद की पाकिस्तान को चेतावनी जारी करने के बाद की गई है.
बता दें कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान को अफगान तालिबान का करीबी सहयोगी माना जाता है. वैसे यह एक अलग आतंकवादी संगठन है.